नई दिल्ली। अफगानिस्तान के बगलान प्रांत में अगवा किए गए सात भारतीय इंजिनियरों की रिहाई के लिए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अफगानिस्तान के विदेशमंत्री सलाहुद्दीन रब्बानी से बात की। मिली जानकारी के मुताबिक अफगानिस्तान के विदेश मंत्री ने सुषमा स्वराज को जानकारी देते हुए कहा है कि भारतीय इंजीनियरों की रिहाई के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। वहीं इस मामले में बगलान के गवर्नर अब्दुलहुई नेमाती का कहना है कि तालिबानियों ने कर्मचारियों का अपहरण किया है और उन्हें पुल ए खोमेर शहर के शाहबुद्दीन इलाके में लेकर गए हैं।
नेमाती ने बताया कि अफगानिस्तान के अधिकारियों ने स्थानीय लोगों के मार्फत तालिबान से बात की,जिस पर आतंकी संगठन ने कहा है कि उसने भारतीयों को सरकारी कर्मचारी समझकर गलती से उनका अपहरण कर लिया। नेमाती ने कहा कि वे अगवा लोगों को कबाइली सरदारों और मध्यस्थता के जरिए रिहा कराने की कोशिश कर रहे हैं। आपको बता दें कि अफगानिस्तान के बगलान प्रांत मे आरपीजी समूह की एक कंपनी में काम करने वाले सात भारतीय इंजीनियरों को रविवार को कथित तौर पर तालिबान के बंदुकधारियों ने अगवा कर लिया था।
नेमाती के मुताबिक भारतीयों को सरकारी कर्मचारी समझकर उठाया गया है। इस खबर के सामने आने के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि वे लोग अफगान अधिकारियों के संपर्क में हैं और घटना के ब्योरे का पता लगा रहे हैं। टोलो न्यूज’ ने स्थानीय अधिकारियों के हवाले से बताया कि प्रांतीय राजधानी पुल ए खोमरे के बाग ए शामल गांव में तालिबान आतंकवादियों ने भारतीय कंपनी केईसी के छह भारतीय कर्मचारियों और एक अफगान कर्मचारी का अपहरण कर लिया।
खबरों के मुताबिक इन लोगों का उस वक्त अपहरण किया गया, जब वे लोग इलाके में जा रहे थे, जहां उनकी कंपनी ने एक बिजली सब स्टेशन का ठेका ले रखा है। वहीं, भारतीयों के अपहरण की खबर पर सवालों का जवाब देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने नयी दिल्ली में कहा कि हम अफगानिस्तान के बगलान प्रांत से भारतीयों का अपहरण होने की घटना से अवगत हैं। हम अफगान अधिकारियों से संपर्क में हैं और अधिक ब्योरे का पता लगाया जा रहा है। गौरतलब है कि अफगानिस्तान में बिजली आपूर्ति करने में शामिल सबसे बड़ी कंपनियों में केईसी भी एक है.।