पेगासस जासूसी केस में अब एक और नया मोड़ आ गया है। सुप्रीक कोर्ट आज इस मुद्दे पर जांच की मांग करने वाली याचिका फैसला ले सकता है । चीफ जस्टिस एनवी रमण, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने 13 सितंबर को जांच के मामले में अपना फैसाल सुरक्षित रख लिया था। जिसके बाद आज इस पर फैसाल आ सकता है। वहीं केंद्र सरकार की तरफ से आरोपों की जांच के लिए एक विषेश पैनल के गठन का प्रस्ताव रखा गया था। साथ ही केंद्र ने पैनल के सामने विवरण का खुलासा करने का आश्वासन दिया था।
हालांकि सरकार ने एक विस्तृत हलफनामा दाखिल करने साफ मना कर दिया था और कहा था कि किसी भी खास सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल या गैर इस्तेमाल के बारे में इतनी खुली और विस्तार से बात नहीं की जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौता नहीं किया जा सकता। कोर्ट सिर्फ ये जानना चाहता है कि केंग्र ने इस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल गैरकानूनी तरीके से किया है या नहीं। कोर्ट ने उस वक्त कहा था कि 2 दिन में अंतरिम आदेश पारित किया जाएगा।
वहीं 23 सितंबर को चीफ जस्टिस ने ओपन कोर्ट में इस्राइल के पेगासस स्पाइवेयर के जरिए देश के खास नागरिक, राजनेता, जर्नलिस्ट, और विपक्षी कार्यकर्ताओं पर जासूसी के आरोपों की जांच के लिए एक तकनीकी समिति गठित करने की आशंका जाताई थी।
उस वक्त कोर्ट ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट इस बात पर विचार कर रहा है कि जांच के लिए एक शाक समिति का गठन किया जाए। जिसके लिए विशेषज्ञों से संपर्क किया गया था लेकिन उनमें से कुछ ने व्यक्तिगत कारणों से समिति का हिस्सा बनने से इंकार कर दिया था। जिसके कारण शीर्ष अदालत इस मामले में आदेश पारित करने में देर कर रही है।