नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक बड़ा फैसला लिया जिसके अनुसार चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों का अपनी शैक्षणिक योग्यता को छुपाना या इसके बारे में गलत जानकारी देना उनके लिए परेशानी का सबब बन सकता है। कोर्ट ने कहा कि वोटर्स को पूरा अधिकार है कि वो चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों की एजूकेशन के बारे में जानें। ऐसे में इस बारे में गलत जानकारी देने से उनका निर्वाचन भी रद्द किया जा सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ पृथ्वीराज सिंह और पुखरेम शरतचंद्र सिंह की एक दूसरे के खिलाफ दायर अपील पर ये फैसला सुनाया। हाई कोर्ट ने 2012 में मोयरंग विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी शरतचंद्र सिंह के खिलाफ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले पृथ्वीराज का निर्वाचन निरस्त घोषित कर दिया था। उनके ऊपर आरोप लगा था कि पृथ्वीराज ने अपने नामांकन पत्र में एमबीए की डिग्री की जानकारी दी है जो कि जांच में गलत पाई गई।