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आर्टिकल 370 के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को जारी किया नोटिस

photo 4 1 आर्टिकल 370 के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को जारी किया नोटिस

नई दिल्ली। मंगलवार को जम्मू कश्मीर राज्य में लगे आर्टिकल 370 को खत्म करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में दाखिल एक याचिका को कोर्ट ने स्वीकार करते हुए इस मामले में सरकार को अपना पक्ष रखने के लिए नोटिस जारी किया है। याचिका में जम्मू कश्मीर राज्य से इस आर्टिकल को हटाने के साथ इस राज्य में लागू अलग संविधान को खत्म करने उसे अघोषित करने के लिए अपील की गई है। इसके साथ ही इस आर्टिकल के तहत उस राज्य को विशेष राज्य का दर्जा देकर दिए जा रहे स्पेशल ग्रांट को भी चुनौती दी है।

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इस याचिका के पहले ही देश में इस आर्टिकल में मौजूद 35अ को लेकर देश में बहस छिड़ी हुई है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारुक अब्दुल्ला ने साफ कहा है कि अगर आर्टिकल से 35अ को हटाया गया तो परिणाम गंभीर हो सकते हैं। इससे राज्य में विद्रोह पैदा हो सकता है। सरकार को इस मामले में कोई कदम उठाने के पहले 2008 में हुए अमरनाथ हादसे को याद कर लेना चाहिए। भाजपा ने 2014 को लोकसभा चुनाव में अपने एजेन्डे में धारा 370 को रखा था। अब सरकार पर लगातार दबाव बन रहा है कि वो इसे खत्म करे। ऐसे वक्त में इस याचिका और सुप्रीम कोर्ट के नोटिस ने सरकार के लिए परेशानी खड़ी कर दी है।

लोग आर्टिकल 370 को लेकर काफी बहस कर चुके हैं। लेकिन बहुत से लोग नहीं जानते हैं कि आर्टिकल 370 में ऐसा क्या खास है कि एक राज्य इसे पाकर देश का हिस्सा होते हुए भी अलग होता है। इस राज्य को क्या विशेषाधिकार दिए जाते हैं। इन्ही विशेषाधिकारों के चलते जम्मू और कश्मीर से कई बार आर्टिकल 370 को हटाने की अपील की जा चुकी है। आखिर क्या खास देता है जम्मू और कश्मीर को आर्टिकल 370 जानते हैं।

संविधान में आर्टिकल 370 जम्मू और कश्मीर राज्य को एक विशेष स्वायत्ता वाले राज्य का दर्जा देता है। इस आर्टिकल का खाका शेख अब्दुल्ला ने तैयार किया था। जो कि नेशनल कांफ्रेंस पार्टी के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला के पिता हैं। इसको महाराजा हरिसिंह और पीएम नेहरू ने जम्मू कश्मीर का प्रधानमंत्री नियुक्त किया था। इस आर्टिकल के जरिए भारत इस राज्य में रक्षा, विदेश मामले और संचार के मामले में दखल दे सकता है लेकिन अपना कानून यहां के राज्य के अनुमोदन के बिना लागू नहीं कर सकता है। इस राज्य के विशेष संविधान को राष्ट्रपति भी खत्म करने का अधिकार नहीं रखता है। इस राज्य में दूसरे राज्य के नागरिक नौकरी नहीं कर सकते हैं। यहां के नागरिकों के पास दोहरी नागरिकता होती है। भारत के साथ वो जम्मू-कश्मीर के नागरिक कहलाते हैं। अन्य राज्य के लोग यहां पर कोई जमीन नहीं खरीद सकते हैं। इसके साथ ही आर्टिकल 365 और आर्टिकल 360 इस राज्य में लागू नहीं होता है। इसके साथ ही आर्टिकल 370 के तहत जम्मू-कश्मीर राज्य का अलग झंडा और प्रतीक चिन्ह होते हैं। ऐसी कई बड़ी बातें है जो कि इस राज्य को भारत के दूसरे राज्यों से अलग बना देती है। इन्हीं को लेकर अब खत्म करने की आवाज उठ रही है।

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