नई दिल्ली। सूबे की पूर्व नौकरशाह नीरा यादव और राजीव कुमार को बहुचर्चित नोएडा भूमि आवंटन मामले में अब सुप्रीम कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है। इस मामले में कोर्ट ने इन्हे दोषी पाया है। इस मामले में इनको 2 साल की सजा ही काटनी होगी। जबकि सीबीआई की अदालत ने इस मामले में दोनों को 3 साल की सजा और 1 लाख जुर्माने की सजा सुनाई थी। लेकिन इसके बाद इन्हे इस मामले में जमानत दे दी थी। इस मामले में दोनों ने पहले हाईकोर्ट में अपील की थी। इसके बाद वहां पर इनकी अपील को खारिज कर दिया गया था।
हाईकोर्ट से केस खारिज होने के बाद इनकी सजा पर मुहर लग गई। हाईकोर्ट से सजा पर मुहर लगने के बाद सुप्रीमकोर्ट में अपील दाखिल की थी जिस पर अब सुप्रीमकोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। गौरतलब हो कि ये मामला साल 1995 का है। जब नीरा यादव नोएडा अथारिटी की सीईओ थी और राजीव कुमार डिप्टी सीईओ थे। इस दौरान भू आवंटन के मामले में बड़ा धांधली हुई थी। इस आवंटन में मीरा यादव के दो बेटियों को आवंटित भू खंड दूसरे सेक्टरों में कन्वर्ट किए गये थे।
भूं आवंटन के एक और मामले में सीबीआई की अदालत ने पहले भी नीरा यादव को साल 2010 में 4 साल की सजा सुनाई थी। नीरा यादव यूपी कैडर की 1971 बैच की आईएएस अधिकारी थी । मुलायम सिंह यादव की बड़ी करीबी अधिकारियों में नीरा यादव का नाम आता था। ये उत्तर प्रदेश के प्रशासनिक महकमें की बड़ी नौकरशाह अफसर भी रही हैं। इन्हें इनके कार्यकाल के दौरान कई बड़े पदों पर अपनी सेवाएं दी हैं। ये प्रदेश की मुख्य सचिव के पद पर रही हैं।