भारत निर्मित ताकतवर सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का सफल परीक्षण किया गया है। गुरुवार सुबह आठ बजकर 42 मिनट पर राजस्थान के पोखरण में इसने सफलतापूर्वक उड़ान भरी। यह दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक मिसाइल है। इसका परीक्षण पोखरण के फायरिंग रेंज में हुआ इस दौरान वहां सेना और डीआरडीओ के अधिकारी भी मौजूद रहे। बताया जा रहा है मिसाइल ने सफलतापूर्वक सही निशाने पर वार किया। भारतीय रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से इस बात की जानकारी दी गई।
यह सुपरसोनिक मिसाइल पहाड़ों की छाया में भी दुशमनों को ढूंढ़कर वार करने में सक्षम है। आम मिसाइलों से अलग यह मिसाइल हवा को खींच कर रेमजेट तकनीकी से ऊर्जा प्राप्त करती है। इसको मार गिराना लगभग असंभव है। ब्रह्मोस ऐसी मिसाइल है जो दागे जाने के बाद रास्ता बदल सकने में भी सक्षम है। लक्ष्य तक पहुंचने के दौरान यदि टारगेट मार्ग बदल ले तो मिसाइल भी अपना रास्ता बदल लेती है। इसलिए इसे ‘दागो और भूल जाओ’ भी कहा जाता है। यह मिसाइल कम ऊंचाई पर उड़ान भरती है इसलिए रडार की पकड़ से बाहर है।
इस मिसाइल से पड़ोसी देश चीन और पाकिस्तान की चिंता बढ़ गई है क्योंकि यह 290 किलोमीटर तक वार करने में सक्षम है। चीन इस मिसाइल को अस्थिरता पैदा करने वाले हथियार के तौर पर देखता है। भारत इस मिसाइल के जरिये दक्षिणी चीन सागर और हिंद महासागर में चीन की बढ़ती आक्रामकता की धार को भोथरा करने में कामयाब होगा। इसलिए कि कई देश इस मिसाइल को खरीदना चाहते हैं। उल्लेखनीय है कि भारत अगले 10 साल में 2000 ब्रह्मोस मिसाइल बनाएगा।