नई दिल्ली : सपा से दूर होकर अपनी खुद की पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के मुखिया शिवपाल सिंह ने उरई में समाजवादी पार्टी के खिलाफ जमकर तेवर दिखाए। जिला पंचायत भवन में बुधवार को पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि पहली बात तो 2019 के लोकसभा चुनाव में महागठबंधन होने वाला नहीं है, यदि होता भी है तो वह कहेंगे कि उनकी पार्टी को इसमें शामिल किया जाए, लेकिन शर्त यही होगी कि भागीदारी (सीटें) पूरी मिले।
वह पार्टी पर नेता जी (मुलायम सिंह यादव) के रुख पर बोले कि सबकुछ उन्हीं की मर्जी और अनुमति से हुआ है। यह बात और है कि जबसे उन्होंने सपा छोड़कर अपनी पार्टी खड़ी की है, तबसे जरूर सपा में नेताजी का सम्मान होना शुरू हो गया है।
भाजपा पर साधा निशाना
भाजपा पर निशाना साधते हुए शिवपाल सिंह ने कहा कि आज देश और प्रदेश सभी जगह लोग महंगाई की मार से पीड़ित हैं। नोटबंदी और जीएसटी ने कारोबारियों की कमर ही तोड़ दी है। बिना नाम लिए सपा के दिग्गज नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि बिहार चुनाव में यदि गठबंधन के बीच कुछ लोग आड़े न आए होते तो आज शायद देश की तस्वीर ही दूसरी होती। सपा के वही लोग आज भी महागठबंधन नहीं होने दे रहे हैं।
‘लगता नहीं कि हो पाएगा महागठबंधन’
उन्होंने कहा कि तीन राज्यों के चुनाव होने वाले हैं, लगता नहीं है कि भाजपा के खिलाफ महागठबंधन हो पाएगा। वह जरूर चाहते हैं कि महागठबंधन हो और प्रगतिशील पार्टी को भी उसके हिस्से का शेयर मिले। सपा के वे लोग जिन्होंने कभी भाजपा के खिलाफ मुंह तक नहीं खोला, अब उन्हें भाजपा का एजेंट बता रहे हैं। रही बात उन्हें प्रदेश सरकार से मिले सरकारी बंगले की, तो वह वरिष्ठ विधायक हैं और दो बार सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं, जिससे उन्हें बंगला मिला है।