पटनाः पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव ने केंद्र सरकार पर करारा हमला किया है। शरद यादव ने प्रहार करते हुए कहा कि नोटबंदी और वस्तु एवं सेवाकर लागू किए जाने के बाद देश में 7-8 करोड़ लोग बेरोजगार हो गए हैं। लेकिन आश्चर्य की बात है कि केंद्र सरकार जीएसटी के एक वर्ष पूरा होने पर जश्न मना रही है। शरद यादव ने ‘संवाददता सम्मेलन’ में कहा कि नोटबंदी और जीएसटी के लागू होने से आम लोगों के साथ-साथ किसान भी परेशान हैं।
पीएम पर लगाए वादाखिलाफी का आरोप
साथ ही शरद यादव ने कहा कि बैंकों की हालत भी पूरी तरह खराब है। और वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के समय बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने देश के लोगों से जो वादा किया था उसे पूरा नहीं कर पाए हैं। देशभर में किसान अपनी मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं।
बिहार कृषि प्रधान राज्य
इस दौरान शरद ने कहा कि बिहार एक कृषि प्रधान राज्य है और यहां कृषि को छोड़कर कोई भी उद्योग नहीं है। बिहार के किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है। इस दौरान यादव ने कुछ फसलों की कीमतों के आकंडो भी गिनाएं। और कहा कि बिहार में किसानों को उनकी लागत का उचित मूल्य नही मिल पा रहा है।
लागत का डेढ़ गुना दाम मिलना चाहिए
यादव ने कहा कि किसानों को उनकी लागत का डेढ़ गुना दाम मिलना चाहिए। पंजाब और हरियाणा में किसानों से उनकी उपज खरीदी जा रही है, जबकि बिहार में ऐसा नहीं हो पा रहा है। बिहार के किसान अपनी उपज कम कीमत पर बेचने को मजबूर हैं । बिहार में पूरी व्यवस्था ही लुंज पुंज हो गई है। किसानों के हित में राज्य सरकार तत्काल पहल करनी चाहिए।