सदियों से यानि प्राचीन काल से योग को महत्व दिया गया है। सभी को योग करने की सलाह दी जाती है। ताकि स्वस्थ शरीर में स्वस्थ विचारों को जन्म हो सके। इसी कड़ी के चलते आज यानि 20 जून को सातवां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है।
क्या है इसका इतिहास
योग की शुरुआत भारत में ही हुई थी और पूरी दुनिया इसके महत्व को समझती है। योग का इतिहास आज से दस हजार वर्ष से अधिक पुराना है। इसका उल्लेख कई प्राचीन ग्रंथों में मिलता है।
आज पूरा देश मना रहा योग दिवस
आज पूरा विश्व में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाएगा। योग का हजारों वर्षों का इतिहास है और यह भारत की प्राचीन परंपरा का हिस्सा है। आजकल बदलती जीवनशैली ने लोगों के जीवन में तनाव बढ़ा दिया है। लोगों का मानसिक और शारीरिक तनाव बढ़ गया है। ऐसे लोगों को योग करने से बहुत लाभ मिलता है।
संस्कृत शब्द से बना है योग
योग शब्द संस्कृत के ‘युज’ धातु से बना है, जिसका अर्थ है आत्मा का परमात्मा में विलय। योग भारत में ज्ञान का पांच हजार साल पुराना रूप है। हालांकि लोगों को मानना है कि योग एक शारीरिक व्यायाम है। लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं हैं । योग को पुराण समय से ही महत्व दिया गया है। जिसे अभी तक जाना जाता है।
गौरतलब है कि योग का इतिहास दस हजार वर्ष से अधिक पुराना है। इसका उल्लेख कई प्राचीन ग्रंथों में मिलता है। इसका उल्लेख नारदीय सूक्त और सबसे पुराने ऋग्वेद में मिलता है।