विश्व प्रसिद्ध चार धाम यात्रा के पड़ाव शुरू हो चुके हैं। गंगोत्री, यमुनोत्री, बाबा केदार के काट खुलने का बेद अब 15 मई को बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने जा रहे हैं।
लेकिन इससे पहले राजपुरोहित संपूर्णानंद जोशी, आचार्य कृष्ण प्रसाद उनियाल व पंडित हेतराम थपलियाल ने विधि-विधान पूर्वक भगवान गणेश और भगवान बदरीनाथ के पूजन के साथ तेल पिरोने के कार्य का शुभारंभ किया।
लॉकडाउन के चलते भगवान बदरीनाथ के अभिषेक के लिए तेल पिरोने का कार्य बहुत सादगी से किया गया। इस बार वो फूलों की चमक धमक देखेनो को नहीं मिली जो पहले देखने को मिलती थी।
वहीं, तेल पिरोते वक्त सुहागन महिलाएं ने पीले वस्त्र धारण किए हुए थे और पीले ही वस्त्र से मुंह ढक कर तेल पिरोने का कार्य किया। तिलों का यही तेल अगले 6 माह तक भगवान बदरीनाथ के अभिषेक में प्रयोग किया जाता है।
इस दौरान टिहरी की महारानी और लोकसभा सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह के साथ अन्य सुहागिन महिलाओं ने तिलों का तेल निकाला।
इसके बाद महारानी माला राज्यलक्ष्मी शाह ने विशेष पूजा अर्चना की जिसके बाद धार्मिक अनुष्ठान के साथ गाडू घड़ा यात्रा शुरू हुई। यह यात्रा 14 मई को बदरीनाथ धाम पहुंचेगी जिसके अगले दिन 15 मई को तड़के साढ़े चार बजे मंदिर के कपाट खोल दिए जाएंगे।
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यात्रा के शुरू होते ही आम जनमानस तब तक भगवान बद्री विशाल के दर्शन नहीं कर सकेंगे जब तक लॉकडाउन नहीं खुल जाता। हालाकि पूजारियों के द्वारा पूर्ण रूप से सोशल डिस्टेंशिग का ख्याल रखते हुए पूजा अर्चना की जाएगी।