लंबे समय से आंदोलन कर रहे किसान अपनी मांगों को लेकर तरह-तरह के प्रदर्शन कर रहे हैं। कभी ट्रेनें रोकी जा रही हैं तो कभी हाईवे जाम किए जा रहे हैं। किसानों द्वारा ट्रेन रोके जाने, हाईवे बंद किए जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई है।
सुप्रीम कोर्ट की किसान महापंचायत को फटकार
लंबे समय से आंदोलन कर रहे किसान अपनी मांगों को लेकर तरह-तरह के प्रदर्शन कर रहे हैं। कभी ट्रेनें रोकी जा रही हैं तो कभी हाईवे जाम किए जा रहे हैं। किसानों द्वारा ट्रेन रोके जाने, हाईवे बंद किए जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई है। दिल्ली के किसानों से जुड़े ‘किसान महापंचायत’ नाम के संगठन द्वारा दायर इस याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाई है।
आपने पूरे शहर को अवरुद्ध कर रखा है- सुप्रीम कोर्ट
दरअसल आज यानी शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में जंतर मंतर पर कृषि कानूनों की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई हुई। इसी याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाई और कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपने पूरे शहर को अवरुद्ध कर रखा है, और अब आप शहर के भीतर आकर प्रदर्शन करना चाहते हैं। जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस रविकुमार की बेंच ने कहा, आप कृषि कानूनों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं, इसका मतलब है कि आपको कोर्ट पर भरोसा है। फिर विरोध प्रदर्शन की क्या जरूरत।
‘आप ट्रेनें रोक रहे हैं, हाइवे बंद कर रहे हैं, क्या लोग अपना बिजनेस बंद कर दें ?’
सुप्रीम कोर्ट ने सवाल करते हुए कहा कि आप ट्रेनें रोक रहे हैं, हाइवे बंद कर रहे हैं। क्या शहरी लोग अपना बिजनेस बंद कर दें। क्या ये लोग शहर में आपके धरने से खुश होंगे? कोर्ट ने कहा कि सभी नागरिकों को बिना किसी डर के स्वतंत्र घूमने का समान अधिकार है और विरोध में उनकी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है।
मामले में 4 अक्टूबर को फिर से सुनवाई होगी
वहीं कोर्ट के इन सवालों पर महापंचायत की ओर से पेश वकील अजय चौधरी ने कहा कि प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से किया जाएगा। हमें पुलिस ने हिरासत में भी लिया था। हम जंतर मंतर पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करना चाहते हैं। इतना ही नहीं उन्होंने दावा किया कि किसान महापंचायत अलग ग्रुप है। यह हाईवे के बंद होने के लिए जिम्मेदार नहीं है। बहरहाल. अब इस मामले में 4 अक्टूबर को फिर से सुनवाई होगी।