नई दिल्ली। बीसीसीआई में लंबे समय से चल रहे विवादों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बीसीसीआई के प्रशासकों की नियुक्ति कर दी है। बीसीसीआई ने जिन नामों पर अपनी मुहर लगाई है उनमें पूर्व सीएजी विनोद राय का भी नाम शामिल है। बीसीसीआई ने चार प्रशासकों की नियुक्ति की है, जिसमें विनोद राय, रामचंद्र गुहा, विक्रम लिमये और पूर्व महिला क्रिकेटर डायना का नाम भी शामिल किया गया है।
आपको बता दें कि लोढ़ा समिति के सिफारिशों को ना मानने को लेकर अनुराग ठाकुर को बीसीसीआई के अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था, जिसके बाद से अध्यक्ष का पद खाली था। इससे पहले आपको बता दें कि कोर्ट ने 2 जनवरी को अपना फैसला सुनाते हुए अनुराग ठाकुर और अजय शिर्के को पद से बर्खास्त कर दिया था।इस मामले में कोर्ट ने कहा था कि अनुराग ठाकुर ने कोर्ट में गलत हलफनामा दाखिल किया है जिसके चलते उन पर कोर्ट की अवहेलना का केस चलेगा। इसके अलावा राज्य संघो के पदाधिकारियों पर भी कार्यवाही की जाएगी।
बता दें कि अनुराग ठाकुर के खिलाफ ये कदम लोढ़ा कमेटी की सिफारिशें लागू न करने पर कार्यवाही की गई। इस फैसले के आते ही लोढ़ा कमेटी सहित खेल जगत की कई हस्तियों के इस फैसले का स्वागत किया है। जस्टिस लोढ़ा कहना है कि ये क्रिकेट की जीत है। देश के कानून से कोई लड़ नहीं सकता। ये फैसला सभी खेलों के लिए एक मिसाल है , तो वहीं बिशन सिंह बेदी ने कहा, मैं फैसले से पूरी तरह संतुष्ट हूं।
जानिए क्या हैं लोढ़ा कमेटी की सिफारिशें–
-बीसीसीआई के किसी भी पदाधिकारी की आयु 70 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए।
-बोर्ड में कार्यरत कोई भी पदाधिकारी सरकारी नौकरी में नहीं होना चाहिए।
-बीसीसीआई की गवर्निंग काउंसिल में नियंत्रक और कैग के भी एक सदस्य के शमिल होने की बात पर जोर दिया गया था।
-सट्टेबाजों को लेकर संसद को सख्त कानून बनाने की भी बात कही गई थी।
-बीसीसीआई को आरटीआई के दायरे में लाने के लिए हर संभव नियम बनाने की भी बात कही गई थी।