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सुंदर पिचाई गूगल से मिले रिस्ट्रिक्टेड शेयरों को कराने जा रहे कैश, जाने कितने करोड़ मिलेंगे

sundar pichai सुंदर पिचाई गूगल से मिले रिस्ट्रिक्टेड शेयरों को कराने जा रहे कैश, जाने कितने करोड़ मिलेंगे

वॉशिंगटन। गूगल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सुंदर पिचाई इस हफ्ते गूगल से मिले रिस्ट्रिक्टेड शेयरों को कैश कराने जा रहे हैं। 2014 में दिए गए 3 लाख 53 हजार 939 शेयरों को कैश कराने पर उन्हें करीब 2500 करोड़ रुपए मिलेंगे। पिछले हफ्ते के आखिर में इन शेयर्स की कीमत 380 मिलियन डॉलर (2.5 हजार करोड़ रुपए) के करीब थी। ब्लूमबर्ग के मुताबिक, दो सालों में किसी भी कंपनी के एक्जिक्यूटिव को दिया गया यह सबसे बड़ा एकमुश्त पेआउट होगा।

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बता दें कि पिचाई गूगल की कमान 2015 से संभाल रहे हैं। अल्फाबेट में प्रोडक्ट्स के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट के पद पर प्रमोट होने से एक साल पहले उन्हें ये शेयर्स मिले थे। को-फाउंडर लैरी पेज की ज्यादातर जिम्मेदारियां पिचाई ने प्रमोशन के बाद से संभालनी शुरू कर दीं थीं। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, यह राशि इतनी ज्यादा इसलिए हो गई, क्योंकि पिचाई को शेयर्स मिलने के समय से अभी तक अल्फाबेट के स्टॉक 90% बढ़ चुके हैं। जबकि, इस दौरान कंपनी के एसएंडपी इंडेक्स में महज 39% का इजाफा हुआ है। इसके बाद गूगल की ओर से पिचाई को दो बार और नौ अंकों में शेयर दिए गए हैं। रेस्ट्रिक्टेड शेयर्स को तय समय के बाद ही बेचा जा सकता है।

वहीं गूगल ने अभी 2017 के लिए पिचाई को मिलने वाले कंपनसेशन के बारे में खुलासा नहीं किया है। 2016 में एसएंडपी कंपनियों के सीईओ को शेयर कैश कराने पर औसत 107.70 करोड़ रुपए मिले। हालांकि, पिचाई ऐसे पहले शख्स नहीं हैं कि जिन्हें खासी रकम मिली है। इससे पहले फेसबुक के सीईओ मार्क जकरबर्ग को अगस्त 2012 में 6 करोड़ शेयर कैश कराने पर 15174 करोड़ रुपए मिले थे। इससे एक महीने बाद ही उनकी साथी शेरिल सैंडबर्ग को शेयर कैश कराने के लिए 5464 करोड़ शेयरों से मिले थे।

साथ ही सुंदर पिचाई गूगल कंपनी से 2004 में जुड़े थे। सुंदर का पहला प्रोजेक्ट प्रोडक्ट मैनेजमेंट और इनोवेशन ब्रांच में था। यहां उनका काम गूगल के सर्च टूलबार को बेहतर बनाना और दूसरे ब्रॉउजर के ट्रैफिक को गूगल पर लाना था। इसी दौरान उन्होंने सुझाव दिया कि गूगल को अपना ब्राउजर लांच करना चाहिए। इसी एक आइडिया से वे लैरी पेज की नजरों में आ गए। एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम के डेवलपमेंट और 2008 में गूगल क्रोम की लॉन्चिंग में उनकी बड़ी भूमिका रही है। फिर वे गूगल ड्राइव प्रोजेक्ट का हिस्सा बने। मार्च 2013 में सुंदर एंड्रॉयड प्रोेजेक्ट से जुड़े। पहले यह जिम्मेदारी एंडी रुबिन के पास थी।

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