आपने हर तरह की सर्जरी के बारे में सुना होगा लेकिन क्या आपने कभी प्राइवेट पार्ट के ट्रांसपलांट के बारे में सुना है? शायद आपका जवाब ना ही हो। लेकिन अमेरिका के डॉक्टरों ने यह कारनामा कर दिखाया है। अफगानिस्तान में एक बम विस्फोट में एक सैनिक दुर्घटनाग्रस्त हो गया था जिसमें उसने अपना प्राइवेट पार्ट खो दिया था। अमेरिकी डॉक्टरों की एक टीम ने उस सैनिक का पीनस (लिंग) और स्क्रोटम (अंडकोश) ट्रांसप्लांट कर दिखाया है।
इस ऑपरेशन के लिए लिंग, अंडकोश और एब्डोमिनल वॉल एक ऐसे डोनर से ली गई थी जिसका निधन हो चुका है। ऐसा कहा जा रहा है कि ये सैनिक एक बार फिर सेक्शुअल फ़ंक्शन कर पाएगा, हालांकि पीनस रिकंस्ट्रक्शन के साथ ये मुमकिन नहीं होता।
यह सर्जरी इसी साल 26 जनवरी को की गई थी जिसमें 11 डॉक्टरों की एक टीम ने 144 घंटे में अंजाम दिया था। यह पहली ऐसी सर्जरी है जिसमें अंडकोश और आसपास के ऐब्डोमिनल एरिया समेत टिश्यू का पूरा सेक्शन ट्रांसप्लांट किया गया है। इस सैनिक ने अफ़ग़ानिस्तान में ग़लती से एक बम पर पैर रख दिया था
डॉक्टरों का कहना है कि अंग दान देने वाले व्यक्ति के टेस्टिकल्स ट्रांसप्लांट नहीं किए गए हैं। जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी में हेड ऑफ़ प्लास्टिक एंड रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी डॉ. डब्ल्यूपी एंड्रयू ली ने कहा, ”कुछ मामलों में अंग काटने पड़ते हैं और वो सभी को साफ़ दिखते हैं, लेकिन युद्ध के कुछ ऐसे ज़ख़्म होते हैं जिसके बारे में दूसरों को अंदाज़ा भी नहीं होता।”
इस सैनिक की पहचान जारी नहीं की है। उन्होंने यूनिवर्सिटी की ओर से जारी बयान में कहा है, ”जब मैं जागा तो महसूस हुआ कि पहले से ज़्यादा सामान्य हो गया है, अब मैं ठीक हूं।”
मेडिकल भाषा में इस ऑपरेशन को वास्कुलराइज़्ड कंपोज़िट एलोट्रांसप्लांटेशन कहा जाता है। इसका मतलब है कि इस प्रक्रिया में त्वचा, हड्डी, मांसपेशियां, टेंडल और ब्लड वेसल (रक्त वाहिकाएं) – सभी बदले जाते हैं। डॉक्टरों सा कहना है कि यह सैनिक एक साल या 6 महीनों में पूरी तरह रिकवर हो जाएगा।