नई दिल्ली : कोरोना महामारी की वजह से लोगों की जीवनशैली में अनचाहे बदलाव आए हैं। आर्थिक परेशानियों के अलावा बैठने-उठने के तौर-तरीकों में काफी परिवर्तन हुआ है। अब विशेषज्ञों ने यह कह कर चौंका दिया है कि कोरोना पीड़ितों को भयानक सपने आने की शिकायतें मिल रही हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि कोरोना के कारण लोगों के स्वास्थ्य पर बड़ा असर पड़ रहा है। वह आरामदायक और तनावरहित नींद नहीं ले पा रहे हैं और यही कारण है कि वह रात में सोते समय बुरे-बुरे सपनों का शिकार हो रहे हैं। ऑनलाइन सर्वे में 2,500 लोगों का रिस्पॉन्स मिला।
नए शोध से भी पुष्टि हुई है। सर्वे में शामिल बेंगलुरु में रह रहे टेलीकॉम प्रोफेशनल जीशन खान ने बताया ‘लॉकडाउन के दूसरे और तीसरे महीने तक मैं आइसोलेशन को महसूस करने लगा था, जैसे-जैसे लॉकडाउन की अवधि बढ़ी मैं परेशान होता गया और मुझे अजीब-अजीब से सपने आने लगे जो सपने असामान्य रूप से बहुत लंबे और डरावने थे, जब कभी रात में मेरी अचानक आंख खुलती तो मैं फिर सो जाता था, लेकिन जहां से मेरा बुरा सपना टूटता था दोबारा सोने पर वो वहीं से शुरू होता था, मेरे कुछ सपनों में लॉर्ड ऑफ द रिंग्स के राक्षस शामिल थे, यह मुझे बहुत डरा देने वाली स्थिति थी।’
फ़ोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, गुरुग्राम में न्यूरोलॉजी के प्रमुख डॉ. प्रवीण गुप्ता कहते हैं, “कोविड-19 से ठीक होने के बाद नसों में लकवा हो सकता है, कभी-कभी ये दिमाग़ पर भी असर करता है, जिससे याददाश्त प्रभावित होती है। कोविड में आइसोलेशन के बाद घबराहट हो सकती है। इसे पोस्ट डिजीज़ स्ट्रेस डिसऑर्डर कहते हैं। जिन मरीज़ों में दिमाग़ में सूजन या फेफड़ों की गंभीर समस्या होती है उनमें बाद में ज़्यादा लक्षण देखने को मिलते हैं वरना कमज़ोरी और चक्कर आना सबसे सामान्य लक्षण हैं। यही कारण है कि उन्हें चिड़चिड़ापन और कमजोरी के डरावने सपने आ रहे हैं। यह एक सामान्य प्रक्रिया का अंग हो सकता है।