अयोध्या।सपा के रामकार्ड खेलने के बाद अपने वोटों को लेकर आशंकित भाजपा ने अयोध्या को लेकर दांव खेलना शुरू कर दिया है। कल प्रदेश की समाजवादी सरकार ने अपने कैबिनेट की बैठक के बाद अयोध्या में रामलीला स्थल पर राम के चरित्रों को लेकर थीम पार्क के प्रस्ताव पर मुहर लगाकर भाजपा के परम्परागत वोटों में सेंध लगाने का बड़ा काम किया है।
सियासी गलियारों में राम और अयोध्या:-
सपा सरकार की घोषणा के बाद सियासी गलियारों में एक बार फिर राम और अयोध्या गरमागर्म मुद्दे के रूप में उभरे हैं। सरकार की घोषणाओं के बाद अयोध्यावासियों और राजनीतिक दलों से मिली जुली प्रतिक्रिया मिल रही है। कोई इसे विकास की इबारत बता रहा है तो किसी ने इसे चुनावी पैंतरा करार दिया है।
अब भाजपा ने फिर थामा राम का हाथ:-
इससे पहले भाजपा के प्रदेशअध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने बरेली में संवाददाताओं से बाचतीत करते हुए कहा कि हम विकास और राम मंदिर दोनों मुद्दे पर लड़ेंगे चुनाव। हम राम मंदिर मुद्दा छोड़ ही नहीं सकते हैं। यह हमारे लिए तथा हर हिंदू के लिए बेहद जरूरी भी है। उन्होने अपनी बातचीत में साफ किया कि भाजपा राममंदिर मुद्दे और अयोध्या को नहीं छोड़ेगी ।
भाजपा खेमे में अयोध्या को लेकर संजीदगी बढ़ी:-
सपा सरकार की घोषणा के दूसरे ही दिन केन्दीय पर्यटन मंत्री महेश शर्मा अयोध्या दौरे पर पहुंचे । दौरे के दौरान पहले उन्होने अधिकारियों से बात कर रामायण संग्रहालय के लिए जमीन के बावत बातचीत की । इसके बाद केंद्रीय पर्यटन मंत्री महेश शर्मा ने अयोध्या में संतो और लोगो से बातचीत के जरिये अयोध्या में पर्यटन को बढ़ावा दिये जाने की केन्द्र सरकार की योजना पर प्रकाश डाला। अयोध्या आगमन पर भाजपा नेता व केन्द्रीय मंत्री ने संतों का आशीर्वाद प्राप्त कर रामलला और हनुमानगढी का दर्शन भी किया।
जनसभा को किया सम्बोधित:-
प्रदेश में बह रही चुनावी बयार के बीच अयोध्या पर सियासी गलियारों में ताजातरीन गरम माहौल के बीच आज केन्द्रीय मंत्री डॉ महेश शर्मा ने अयोध्या में जन सभा को समबोधित करते हुए केन्द्र सरकार की अयोध्या को लेकर प्रतिबद्धता जताई। इस दौरान रामनगरी को सौगात में रामायण और राम के चरित्र पर आधारित डिजिटल म्यूजियम , गुप्तार घाट का सौन्द्रीय करण व अयोध्या में जल निकासी और हनुमान गढ़ी, कनक भवन सहित प्रमुख मंदिरो के आस पास सोलर लाईट सहित कई अन्य योजनाओं की घोषणा की।
अयोध्या पर भाजपा का फोकस:-
सन 1990 में भाजपा ने राममंदिर और अयोध्या के नाम पर अपनी सियासी जमीन तैयार की थी। जिसके चलते आज वो केन्द्र की सत्ता में काबिज है । कई बार भाजपा पर सांप्रदायिक पार्टी होने का भी आरोप इसी आंदोलन के कारण लगा था। लेकिन गाहेबगाहे भाजपा राममंदिर और अयोध्या मुद्दे पर अपनी सियासी रोटी सेंकती रही है।
साल 2012 में अयोध्या विधान सभा सीट पर वर्तमान राज्य की सपा सरकार में मंत्री तेजनारायण पान्डेय ने तत्कालीन भाजपा प्रत्याशी हो 90 के दशक से अयोध्या से विधायक रहे लल्लू सिंह को मात दे इस सीट पर कब्जा किया था। जिसके बाद भाजपा की बड़ी किरकिरी हुई थी । इस बार जब अखिलेश सरकार ने रामकार्ड खेला तो भाजपा की छाती पर सांप लौटने जैसा काम कर दिया। जिसके बाद अब भाजपा अब इस सीट और राममंदिर व अयोध्या को लेकर खासा ही संजीदा दिख रही है।
(अजस्रपीयूष शुक्ला, संवाददाता)