केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि सरकार भारतीय नागरिकों तथा विदेशियों के लिए आप्रवासन तथा वीजा की जुड़ी प्रक्रियाओं को सहज बनाने के लिए संकल्पबद्ध।आपको बता दें कि राजनाथ सिंह ने आज केरल के कोच्ची में आप्रवासन वीजा विदेशी पंजीकरण तथा ट्रैकिंक (आईवीएफआरटी) पर मंत्रालय से संबद्ध सलाहकार समिति की बैठक को संबोधित किया।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विदेशियों के लिए आप्रवासन तथा वीजा की जुड़ी प्रक्रियाओं को सहज बनाने के लिए संकल्पबद्ध है
गृह मंत्री सिंह ने “आईवीएफआरटी” के महत्व के बारे में कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय परियोजना मिशन मोड में लागू कर रहा है। उन्होंने कहा कि वैध अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों को देश में आने के लिए सुगम आगमन व्यवस्था में सहायता देने की आवश्यकता है। हमें भारत में ठहरे विदेशी लोगों को तेज और बाधा रहित तरीके से सभी वीजा संबंधी तथा कौनसुलर सेवाएं देनी चाहिए।
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राजनाथ सिंह ने कहा कि आप्रवासन सहायता में हमें सुरक्षा पहलुओं को ध्यान में रखना होगा। साथ-साथ देश में पहले से मौजूद विदेशी लोगों की आवाजाही पर नजर रखनी होगी।
2015 में 5,17,417 ई-वीजा जारी किए गए थे
उन्होंने कहा कि विदेशियों के लिए ई-वीजा योजना बहुत लोकप्रिय हुई है। 2015 में 5,17,417 ई-वीजा जारी किए गए थे। जो 2017 में बढ़कर 19,01,309 हो गया। इस वर्ष 5 जुलाई तक 11,16,985 ई-वीजा जारी किए गए हैं।
गृह मंत्री ने कहा कि इस योजना से यह सुनिश्चित हुआ है कि विदेशी लोगों को निश्चित स्थान पर आगमन से पहले किसी भारतीय अधिकारी से मुलाकात नहीं करनी होगी। गृह मंत्रालय ने इस योजना के दायरे को बढ़ा कर इसमें ई-कांफ्रेंस तथा ई-मेडीकल अटेंडेंट वीजा को शामिल करने का निर्णय लिया है।
ई-वीजा योजना के भविष्य के बारे में राजनाथ सिंह ने कहा कि आशा है। कुछ वर्षों में गृह मंत्रालय के आप्रवासन ब्यूरो द्वारा जारी ई-वीजा की संख्या विदेश स्थित सभी भारतीय मिशनों द्वारा जारी नियमित वीजा की संख्या से अधिक हो जाएगी।
हवाई अड्डों पर आगमन और प्रस्थान काउंटरों की संख्या बढ़ा रहे हैं
सिंह ने कहा कि हम प्रमुख हवाई अड्डों पर आगमन और प्रस्थान काउंटरों की संख्या बढ़ा रहे हैं। आप्रवासन ब्यूरों को आप्रवासन प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए मानव संसाधन उपलब्ध करा रहे हैं।
आईवीएफआरटी परियोजना विदेश स्थित 165 मिशनों तथा 91 आप्रवासन चेक पोस्टों पर लागू की गई है। और दिए गए समय के अंदर 132 भारतीय मिशनों में बायोमैट्रिक्स सॉफ्टवेयर लगाए गए हैं।