नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने अमरनाथ हमले पर गुस्सा दिखानों वालों को सोशल मीडिया पर कड़ा संदेश दिया है। राजनाथ ने सोशल मीडिया पर गुस्सा प्रकट करने वालों से कहा है कि देश की सुरक्षा और शांति बनाये रखने की जिम्मेदारी उनकी है। गृहमंत्री के मुताबिक वे हरसम्भव प्रयास भी कर रहे हैं।
एक यूजर ने कश्मीरी नागरिकों को अमरनाथ हमले का दोषी बताते हुए राजनाथ सिंह पर कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया था। राजनाथ ने मंगलवार को तुरंत उस यूजर को जवाब देते हुए देशवासियों को संदेश जारी किया। हालांकि राजनाथ के जवाब के बाद ट्विटर ने उस विवादित ट्वीट को हटा दिया है।
राजनाथ ने कहा, ‘देश के सभी भागों में शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करना मेरी जिम्मेदारी है। सभी कश्मीरी नागरिक आतंकवादी नहीं हैं। उधर, भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की। स्वामी ने कहा, ‘राज्य सरकार इस्तीफा दे या बर्खास्त किया जाये। पूर्व विधायक और पैंथर पार्टी प्रमुख भीम सिंह ने भी जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति शासन की मांग को दोहराते हुए कहा, ‘कश्मीर एक धर्मनिरपेक्ष राज्य है लेकिन उसे उचित प्रशासन की आवश्यकता है।’
समाजवादी पार्टी के नेता नरेश अग्रवाल ने भी जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति शासन की मांग करते हुए कहा, ‘पाकिस्तान को आतंकी देश घोषित करें और जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लागू करें।
दरअसल अमरनाथ यात्रियों पर हमले के बाद देशवासियों में गुस्सा है। इस गुस्से की आड़ में कई असामाजिक लोग भड़काऊ ट्वीट कर कानून व्यवस्था को चुनौती दे रहे हैं। हालांकि गृह मंत्रालय इन पर नजर बनाये हुए है। सूत्रों के अनुसार गृह मंत्रालय को अमरनाथ हादसे को लेकर दंगे भड़काने की ख़ुफ़िया जानकारी है। इसलिए मंत्रालय द्वारा सोशल मीडिया पर नजर रखी जा रही है।
उल्लेखनीय है कि सोमवार देर रात आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में अमरनाथ यात्रा की एक बस पर ताबड़तोड़ फायरिंग की जिसमें सात श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 22 घायल हो गए। सूत्रों के मुताबिक हमले को तीन-चार आतंकियों ने अंजाम दिया। इस बस में 56 यात्री सवार थे। ये सभी बालटाल के रास्ते अमरनाथ गुफा के दर्शन कर आठ जुलाई को श्रीनगर लौटे थे। उसके बाद श्रीनगर और सोनमर्ग घूमकर कल रात वापस जम्मू लौट रहे थे।