जयपुर। राजस्थान के संस्कृत शिक्षा विभाग की अर्द्धवार्षिक परीक्षा शुक्रवार को भी एक मजाक साबित हुई है। प्रदेशभर में 11वीं कक्षा के संस्कृत के पेपर में इतनी जबरदस्त खामी सामने आई जिसे देखकर बच्चों का सर चकरा गया, लेकिन वहां छात्रों की सुनने वाले कोई नहीं था। बता दें कि शुक्रवार को संस्कृत वांग्मय विषय के पेपर के दो पेज पर 25 सवाल आने की बात शिक्षकों ने कही थी, लेकिन बच्चों को 4 पेज का 34 सवालों वाला पेपर पकड़ा दिया गया। यहीं नहीं हद तो तब हो गई जब पेपर का पूर्णांक 70 की बजाए 108 का आया और सवालों की संख्या बढ़कर 34 हो गई।
दरअसल एक दिन पहले हुई 12वीं का पेपर का एक पार्ट शुक्रवार को 11वीं के पेपर के साथ आ गया था। गुरुवार को संस्कृत शिक्षा की 12वीं का संस्कृत वांग्मय विषय का पेपर था। ये पेपर 70 अंकों का होना था। स्टूडेंट्स को जो पेपर थमाया गया। उसके ऊपर साफ लिखा था कि इसके 4 पेज हैं और पूर्णांक 70 हैं। पेपर में 34 सवाल हैं, लेकिन विद्यार्थियों को जो पेपर थमाया गया, उसमें केवल 2 ही पेज थे।प्रश्नों की संख्या भी केवल 21 ही थी जो कुल 32 नंबर के थे। यानी प्रश्न पत्र का आधा पार्ट पूरी तरह से गायब था। यह गायब पार्ट शुक्रवार को 11वीं के पेपर के साथ आ गया। विभाग को 12वीं का पेपर रद्द करना पड़ा। साथ ही इस गलती के लिए पेपर प्रिंट करने वाली फर्म को जिम्मेदार ठहरा दिया गया।