जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने एक किन्नर के केस की सुनवाई करते हुए उसके पक्ष में फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने किन्नर की इस याचिका को सही ठहराते हुए राजस्थान के किन्नरों के लिए सरकारी नौकरी के दरवाजे खोल दिए हैं। दरअसल राजस्थान के जालौर जिले की किन्नर गांग कुमारी ने कोर्ट में याचिका दायर कर किन्नरों के लिए सरकारी नौकरी के दरवाजे खोलने की गुहार लगाई थी। किन्नर की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने ये ऐतिहासिक फैसला सुनाया है।आपको बता दें कि किसी किन्नर को राजस्थान में सरकारी नौकरी पाने की गुहार लगाने वाला ये तीसरा मामला है।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब गंगा कुमारी नाम के इस किन्नर को राजस्थान पुलिस में कांस्टेबल के पद पर नियुक्ति दे दी गई है, जोकि राजस्थान पुलिस के इतिहास में पहली बार हुआ है। जस्टिस दिनेश मेहता की खंडपीठ ने याचिका की सुनवाई करते हुए गंगा को छह महिने में कांस्टेबल के पद पर नियुक्ति और साल 2015 के तहत ही नेशनल बेनीफीट देने का भी निर्देश दिया है। गंगा की वकील रितुराज सिंह ने पैरवी करते हुए कहा कि गंगा के पुलिस कांस्टेबल के पद पर काबिलियत को देखने के बाद भी जालौर पुलिस अधिक्षक द्वारा उसे किन्नर होने के चलते नियुक्ति नहीं दी गई।
आपको बता दें कि साल 2013 में राजस्थान सरकार ने कांस्टेबल के 12 हजार पदों के लिए भर्ती परीक्षा आयोजित की थी, जिसमें गंगाकुमारी का भी चयन हुआ था। सभी अभ्यार्थियों का मेडिकल कराया गया तो गंगा के किन्नर होने की बात सामने आई । इस पर पुलिस अधिकारी नियुक्ति देने को लेकर असमंजस में पड गए । गंगा के किन्नर होने की पुष्टि होने के बाद पुलिस अधीक्षक ने पुलिस मुख्यालय में मामला भेजा। पुलिसमुख्यालय निर्णय नहीं कर पा रहा था, इस पर गंगा कुमारी ने कोर्ट में इंसाफ के लिए याचिका दायर कर दी।