राइट टू प्राइवेसी पर सु्प्रीम कोर्ट ने गुरुवार को बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा इसे मौलिक अधिकार माना गया है। 9 जजों की पीठ ने यह फैसला सुनाया जिसके बाद राजनीतिक दलों पर निशाना साधने का सिलसिला भी शुरू हो गया। दरअसल कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने इस मुद्दे को लेकर सरकार पर निशाना साधा है।
राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए इस फैसले का स्वागत किया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से फांसीवादी ताकतों को एक बड़ा झटका लगा है। उन्होंने मोदी सरकार को अपने निशाने पर लेते हुए कहा है कि निगरानी द्वारा बीजेपी की दमनकारी विचारधारा को इससे काफी बड़ा झटका लगा है। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि आर्टिकल 141 के तहत इसे कानून माना जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा यह एक बड़ा फैसला सुनाया गया है। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष सुनवाई के दौरान रखा था। 6 दिनों की सुनवाई के बाद 2 अगस्त को अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था। 9 जजों की इस पीठ की अध्यक्षता चीफ जस्टिस जेएस खेहर द्वारा किया जा रहा था। आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में केंद्र की तरफ से पक्ष रखते हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलील देते हुए कहा था कि आज को दौर पूरी तरह से डिजिटल बन गया है जिसमें प्राइवेसी जैसा कुछ नहीं बचा है।
उन्होंने कहा था कि आज के दौर में राइट टू प्राइवेसी जैसा कुछ नहीं है। इस दौरान उन्होंने कहा था कि आम लोगों के डाटा के लिए प्रोटेक्शन पर कानून बनाया जाए। उन्होंने बताया था कि इसके लिए सरकार ने 10 लोगों की कमेटी का गठन किया है। जिसकी अध्यक्षता एससी के रिटायर्ड जज बीएन श्री कृष्णा कर कर रहे हैं।