बिहार में आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने अगामी 27 अगस्त को एक महारैली का आयोजन किया है। लालू यादव ने इस रैली में विपक्षी दलों के नेताओं को भी न्यौता दिया है। लेकिन बसपा सुप्रीमो मायावती ने रैली में शामिल होने से साफ इनकार कर दिया है। इस मामले में गुरुवार को मायावती का रैली में शामिल होने पर एक बयान सामने आया है। उनके अनुसार पिछली बार का गठबंधन का अनुभव उनके लिए ठीक नहीं रहा है।
मायावती ने कहा है कि वह गठबंधन तभी करेंगी जब पहले से सीटे तय हो जाएंगी। गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए मायावती ने कहा है कि पिछली बार गठबंधन के वक्त उन्होंने जिस पर भरोसा किया उन्हीं लोगों ने उनकी पीठ पर छुरा घोपा। उन्होंने कहा है कि गठबंधन में अगर सीट तय होंगी तब ही वह मंच साझा करेंगी। उन्होंने आगे कहा है कि 27 अगस्त को होने वाली रैली में वह बसपा मंच साझा नहीं करने वाली है। लेकिन देखने वाली बात यह है कि कांग्रेस की तरफ से भी लालू को करारा झटका लगा है। दरअसल कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी तथा उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भई रैल में शामिल होने से इनकार किया है।
लेकिन इन दिनों बिहार बाढ़ की चपेट में आ रखा है। लोगों को बाढ़ के कारण काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बाढ़ के कारण बिहार में ऐसी स्थिति हो गई है कि अब लोगों को अपने घरों को भी छोड़ना पड़ रहा है। बाढ़ के कारण लाखों लोग प्रभावित हो रहे हैं। लेकिन बावजूद इसके लालू यादव ने अपनी रैली को टालने से मना कर दिया है। उनका कहना है कि बीजेपी के खिलाफ रविवार को होने वाली रैली को टाला नहीं जाएगा। उन्होंने सीएम नीतीश कुमार पर बोलते हुए कहा है कि सीएम नीतीश कुमार बाढ़ के कारण संवेदनहीन हो चुके हैं।
लालू का कहना है कि अगर रैली को टाला जाता है तो क्या बाढ़ खत्म हो जाएगी। उन्होंने कहा है कि अगर रैली नहीं करते हैं तो बिहार में बाढ़ का कहर खत्म नहीं होगा। पत्र निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव ने लालू पर तंज कसते हुए कहा है कि इस वक्त उन्हें बाढ़ से प्रभावित लोगों के बारे में सोचना चाहिए, उन्होंने कहा है कि लालू यादव वोटरों के बारे में नहीं सोच रहे हैं बलकि अपने रैली करने में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा है कि वोटरों के कारण ही आरजेडी में विधायक और सांसद बने हैं और लालू यादव उन्हीं पर ध्यान नहीं दे रहे हैं।