नई दिल्ली। राहुल गांधी के धर्म को लेकर उठ रहे सवाल को लेकर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सभी सवालों का जवाब देते हुए कहा कि उनके परिवार के सदस्य शिवभक्त हैं, लेकिन हम राजनीति के फायदे के लिए अपने धर्म का इस्तेमाल नहीं करते। व्यापरियों कि एक बैठक को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि उन्हें धर्म को लेकर किसी से सेर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि वो धर्म को लेकर दलाली नहीं करते हैं। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि बीजेपी के कुछ कार्यकर्ताओं ने सोमनाथ मंदिर में गैर हिंदू वाले रजिस्टर में राहुल गांधी का नाम दर्ज कर दिया गया, जिसकी वजह से ये विवाद उठा है।
राहुल गांधी ने भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को याद करते हुए कहा कि मेरी दादी और मेरा परिवार शिवभक्त है, लेकिन हम इन चीजों को निजी रखते हैं और आमतौर पर इस बारे में कोई भी बातचीत नहीं करते हैं क्योंकि हमारा मानना है कि ये बहुच व्यक्तिगत मामला है और हमें इस बारे में किसी के सर्टिफेकेट की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि हम धर्म का व्यापार नहीं करना चाहते और न ही हम धर्म को लेकर दलाली करना जानते हैं। उन्होंने कहा कि मैं आपको बताऊंगा कि कल क्या हुआ। राहुल ने बताया कि मैं मंदिर के अंदर गया तब मैंने विजिटर्स बुक पर हस्ताक्षर किए। उसके बाद बीजेपी के लोगों ने दूसरी पुस्तिका में मेरा नाम लिख दिया। सरदार पटेल और पंडित नेहरू के रिश्तों को लेकर राहुल ने कहा कि वे कुछ राजनैतिक और विचारधारात्मक मतभेद के बावजूद मित्र थे।
उन्होंने कहा कि अगर वे मित्र थे और साथ जेल भी गये, लेकिन कुछ लोग यहां झूठ फैला रहे हैं कि वे दुश्मन थे। साथ ही इस बात के सबूत हैं कि सरदार पटेल आरएसएस के खिलाफ थे, लेकिन कुछ लोग यहां झूठ फैला रहे हैं कि वह आरएसएस से सहानुभूति रखते थे यह सही नहीं है।’’ राहुल के कल सोमनाथ मंदिर जाने के बाद विवाद हो गया था जब अहमद पटेल के साथ उनका नाम गैर हिंदुओं वाले रजिस्टर में पाया गया कांग्रेस ने इसे ‘फर्जी’ करार दिया था जबकि भाजपा इस बात पर जोर दे रही थी कि कांग्रेस उपाध्यक्ष लोगों के सामने अपने धर्म की घोषणा करें।