चेन्नई । भारत का ध्रुवीय प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी सी-35) सोमवार सुबह करीब 9:12 मिनट पर अपने सबसे लंबे सफर की ओर रवाना हो गया। इसरो ने इस राकेट में 8 उपग्रहों को प्रक्षेपित किया है मौसम उपग्रह स्कैटसैट-1 और पांच अन्य देशों के उपग्रह सहित कुल 8 उपग्रहों को दो अलग-अलग कक्षाओं में स्थापित किया गया है जिससे कि मौसम संबंधी सही जानकारी प्राप्त होगी।
इसरो से मिली जानकारी के मुताबिक ये पीएसएलवी का पहला मिशन है जिसके तहत उपग्रहों को दो अलग-अलग कक्षाओं में स्थापित किया गया है। एंट्रिक्स कॉरपोरेशन के अनुसार, इसरो की व्यावसायिक शाखा ने अब तक 20 देशों के 74 उपग्रह प्रक्षेपित किए हैं। प्रक्षेपण सफल होने के साथ ही विदेशी उपग्रहों की कुल संख्या 79 हो जाएगी। अगले महीने भारत दो और विदेशी उपग्रहों को प्रक्षेपित करेगा।
इसरो के अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया, कुछ प्रक्षेपणों के बाद हमें उम्मीद है कि सौ विदेशी उपग्रहों के प्रक्षेपण के जादुई आंकड़े को छू लेंगे। भारत ने विदेशी उपग्रहों के प्रक्षेपण की शुरुआत साल 1999 में की थी। हालांकि इस तरह के पिग्गीबैक उपग्रहों का आकार छोटा होता है। इसरो साल 2007 से उपग्रहों के प्रक्षेपण का ठेका पा रहा है, जब इसने एगील इतावली उपग्रह को प्रक्षेपित किया था।