नई दिल्ली। कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होने के बाद पेट्रोल और डीजल की कीमतों में जबदस्त उछाल देखने को मिला है। बता दे कि मतदान होने के बाद पेट्रोल की कीमत में 17 पैसे जबकि डीजल के मूल्य में 21 पैसे की वृद्धि की गई हैं। तेल कंपनियों न करीब 20 दिन बाद पेट्रोल और डीजल के दामों में बदलाव किया है। पिछली बार 23 अप्रैल 2018 को तेल कंपनियों में पेट्रो उत्पादों के दाम बढ़ाए थे।
अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल की कीमत
नॉन ब्रैंडड पेट्रोल के बाद 74.63 रुपये प्रतिलिटर से बढ़ाकर 74.80 रुपये प्रतिलिटर किया गया है जबकि नॉन ब्रैंडेड डीजल के दाम 65.93 रुपये प्रतिलिटर से बाढ़ाकर 66.14 रुपये प्रतिलिटर किया गया है। बता दे कि अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल की कीमत बढ़ना अमेरिका और ईरान के बीच बढ़ते तनाव की वजह माना जा रहा है।
न्यूक्लियर डील
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ईरान के साथ न्यूक्लियर डील तोड़ने के फैसले के ऐलान के बाद बुधवार को ब्रेन्ट क्रूड की कीमत प्रति बैरल 77 डालर के पार चली गई। यह नवंबर 2014 के बाद पहली बार है जब कच्चे तेल की कीमत 77 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर चली गई है। एक तरफ कच्चा तेल तेज़ी से महंगा हो रहा है, लेकिन पिछले 23 दिनों में सरकारी तेल कंपनियों ने भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया है। विशेषकर ऐसे समय पर जब पेट्रोल-डीज़ल की खुदरा कीमतों में रोज़ाना बदलाव आम बात हो चुकी है।