नीति आयोग ने आम लोगों की समस्या को दुर करने के लिए ‘अटल न्यू इंडिया चैलेंज’ किया है। जिसके तहत जिन लोगों के पास आम जनता की कोई समस्या दूर करने और उनकी जिंदगी में बदलाव लाने का कोई बेहतरीन आइडिया है, तो वह यहां अपना आइडिया देकर करोड़ों कमा सकते हैं। आयोग ने बृहस्पतिवार को ‘अटल न्यू इंडिया चैलेंज’ लांच किया जिसमें स्टार्ट अप, सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) भाग ले सकेंगे और जीतने पर उन्हें एक करोड़ रुपये का अनुदान मिलेगा।
नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि भारतीयों की जरूरत को ध्यान में रखते हुए इनोवेशन करने वाले उद्यमी इस चैलेंज में भाग ले सकेंगे। यह कार्यक्रम केंद्र सरकार के संबंधित मंत्रलयों के साथ व्यापक विचार विमर्श करने के बाद तैयार किया है। चैलेंज जीतने वालों को आयोग अनुदान के साथ-साथ अन्य तरह की मदद भी मुहैया कराएगा।
इसके तहत जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने वाली कृषि प्रणाली, सड़क और रेल परिवहन के लिए फॉग विजन सिस्टम, स्मार्ट मोबिलिटी, इलेक्टिक मोबिलिटी, सुरक्षित परिवहन, जल गुणवत्ता परीक्षण और कचरा निपटान उपकरण जैसे 17 चिन्हित क्षेत्रों में इनोवेशन के लिए आवेदन कर सकते हैं। भारतीय कंपनियां जैसे एमएसएमई, शैक्षिक संस्थान और स्टार्ट-अप इसके लिए 10 जून तक आवेदन कर सकते हैं। चालू वित्त वर्ष में आयोग की तरफ से इस तरह के 50 अनुदान दिए जाएंगे। ये अनुदान एक से डेढ़ साल की समयावधि में तीन किश्तों में मिलेगा।
इस कार्यक्रम की लांचिंग सड़क परिवहन और राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार और पेयजल व स्वच्छता राज्य मंत्री एसएस अहलूवालिया की मौजूदगी में की गई। सड़क परिवहन मंत्री गडकरी ने कहा कि नई प्रौद्योगिकी और मॉडल जो भ्रष्टाचार मुक्त हैं, प्रधानमंत्री के न्यू इंडिया के विजन को पूरा करेंगे। उन्होंने कहा कि उनका मंत्रलय सड़क परिवहन और ढांचागत क्षेत्र में शोध प्रायोजित करने को तैयार है।