बीजिंग। हांगझू में पीएम नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच मुलाकात हुई। तीन महीने के भीतर दोनों नेताओं की यह दूसरी मुलाकात है। मुलाकात में जिनपिंग ने मोदी से कहा कि दोनों देशों को एक दूसरे का सम्मान करना चाहिए और अपने मतभेदों को सुलझाने के लिए बातचीत का रास्ता अपनाना चाहिए। दोनों नेताओं ने सीपीईसी और एनएसजी के मुद्दे पर अपने-अपने नजरिए को रखा।
इस दौरान जहां जिनपुंग नेकहा कि कड़ी मेहनत से बने चीन-भारत कि रिश्तों को बरकरार रखने के लिए चीन कड़ी मेहनत की इच्छा रखता है। वहीं मोदी ने कहा कि भारत-चीन साझेदारी इस क्षेत्र और पूरे विश्व के लिए महत्वपूर्ण है।
इसके अलावा भारत ने एक बार फिर चीन को न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप्स (एनएसजी) में भारत की सदस्यता का मुद्दा उठाया। इसके अलावा भारत ने एक बार फिर चीन को न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप्स (एनएसजी) में भारत की सदस्यता का मुद्दा उठाया। चीन की सरकारी न्यूज एजेंसी शिन्हुआ ने के मुताबिक, जिनपिंग ने मोदी से कहा- ” चीन भारत से सहयोग बढ़ाना चाहता है। क्योंकि ये रिश्ते बड़ी मुश्किल से बेहतर हुए हैं।”
पीएम ने पीओके से गुजरने वाले चाइना-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) का मुद्दा उठाया। मोदी ने ये भी कहा कि इस इलाके में आतंकवाद के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए। 46 अरब डॉलर की लागत वाला निर्माणाधीन चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा अशांत बलूचिस्तान, गिलगिट-बल्टिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से होकर गुजरता है। भारत ने इस परियोजना का जोरदार विरोध किया है, क्योंकि वह गिलगिट-बल्टिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर पर अपना दावा करता है।