नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज दो दिवसीय दौरे पर ईरान की राजधानी तेहरान पहुंचेंगे। पीएम के दौरे का मकसद दोनों देशों के परस्पर संबंधों को और मजबूत करना है। संस्कृति एवं पर्यटन के समझौते के अलावा दोनों देशों के बीच आपसी व्यापार में ज्यादा कर से परहेज और परस्पर निवेश को समर्थन देने को लेकर भी समझौता होना है।
इस दौरान रणनीतिक चाबहार बंदरगाह के पहले चरण के विकास के अनुबंध पर हस्ताक्षर किये जायेंगे और गैस क्षेत्र के विकास पर चर्चा आगे बढ़ेगी। मोदी कुछ सप्ताह पहले शिया धर्मावलंबियों के प्रतिद्वंद्वी देश सउदी अरब की यात्रा पर गए थे। मोदी के साथ एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी आ रहा है।
वर्ष 2014 के मई में भारत और ईरान ने संयुक्त रूप से एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किया था कि जब ईरान के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंध हटा लिए जाएंगे तो दोनों संयुक्त रूप से चाबाहर बंदरगाह का निर्माण करेंगे। दोनों पक्ष बंदरगाह पर भारत को दो डॉक 10 साल के लिए लीज पर देने को राजी हुए थे। यह ऐसा कदम है जिससे भारत का कच्चे तेल और यूरिया आयात की परिवहन लागत 30 फीसदी कम हो जाएगी।
चाबाहर ओमान की खाड़ी में स्थित है और पाकिस्तान की सीमा से लगा है। इस बंदरगाह को बनाने के भारत के कदम से भारत पाकिस्तान को चकमा देते हुए अफगानिस्तान के साथ-साथ मध्य एशिया से रणनीतिक संपर्क बहाल कर लेगा। मोदी यहां आकर सीधे स्थानीय गुरद्वारे में जाएंगे जहां वह भारतीय मूल के लोगों को संबोधित करेंगे।मोदी सोमवार सुबह पारंपरिक स्वागत समारोह के बाद प्रधानमंत्री हसन रूहानी के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे जो क्षेत्रीय संपर्क, बुनियादी ढांचा, उर्जा और क्षेत्र में आतंकवाद तथा उग्रवाद पर केंद्रित होगी।