पूणे। संसद के बजट सत्र के दौरान पीएम मोदी द्वारा गांधी-नेहरू परिवार पर उठाए गए सवाल और भरी सदन में परिवार की आलोचना करने को लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि देश की राजनीति में व्यक्तिगत हमले का चलन है इसमें कोई दो राय नहीं है, लेकिन आलोचनात्मक राजनीति ठीक नहीं है। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान पीएम मोदी द्वारा किए गए हमले को लेकर उन्होंने कहा कि पीएम के इस बयान को स्वीकार नहीं किया जा सकता कि लोकतंत्र को मजबूत करने में नेहरू की कोई भूमिका नहीं हैं क्योंकि अगर 12वीं सदी में भारत में लोकतंत्र आया था तो उसके बाद भी अंग्रेजो ने भारत पर राज किया था।
पूणे में एक कार्यक्रम के दौरान पवार ने ये बात कही जहां पर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने उसने सवाल किया। इस मौके पर दोनों नेताओं ने स्वर्गीय सीएम यशवंतराव चव्हाण को याद किया। उन्होंने कहा कि चव्हाण हमेशा कहते थे कि भारत को एक मजबूत लोकतांत्रिक देश बनाने के लिए नेहरू जिम्मेदार थे। उन्होंने कहा कि पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी वैचारिक मतभेदों के बावजूद हर किसी का सम्मान करते थे। पवार ने यशवंतराव के समय को याद करते हुए कहा कि चव्हाण के समय में महाराष्ट्र के राजनेता देश को हमेशा सबसे पहले रखते थे।
इस पर राज ठाकरे ने उनसे पूछा कि दूसरे राज्यों के नेता ऐसा क्यों नहीं करते? इस सवाल पर पवार ने ये कहते हुए स्वीकार किया कि क्षेत्रवाद को राष्ट्र के ऊपर रखने के अपने दृष्टिकोण के कारण महाराष्ट्र को कई बार इसकी कीमत भी चुकानी पड़ी। ठाकरे ने जब ये कहा कि पीएम मोदी विदेशी नेताओं को देश के दूसरे हिस्सों में ले जाने की बजाय अहमदाबाद ले जाते हैं तो इसके जबाव में पवार ने कहा कि एक पीएम के लिए देश सबसे पहले आना चाहिए। मुझे लगता है कि जब कोई राष्ट्र का नेता होता है तो देश सबसे पहले आना चाहिए। हालांकि पवार ने ये भी कहा कि गुजरात और अहमदाबाद के लिए गर्व होना सही है।