नई दिल्ली। पनामा पेपर्स लीक मामले की जांच एसआईटी से कराने की मांग करनेवाली याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि क्या पनामा मामले की जांच के लिए अलग एसआईटी बनाने की जरूरत है?
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को निर्देश दिया था कि वो मल्टी एजेंसी ग्रुप की रिपोर्ट पेश करे । ये मल्टी एजेंसी ग्रुप ही पनामा पेपर्स लीक मामले की जांच कर रही है।
पिछली सुनवाई के कोर्ट ने केंद्र से कहा था कि एक ही एसआईटी सभी मामलों की जांच करे ये ठीक नहीं है । हमें इस मामले की जांच के लिए दूसरी एसआईटी के गठन के संबंध में सोचना चाहिए ।
इसके पहले सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि ये एक गंभीर मसला है और सरकार ने इसकी जांच के लिए मल्टी एजेंसी ग्रुप बनाया है । इस ग्रुप ने काले धन के मसले पर बने एसआईटी को पांच रिपोर्ट सौंपी है । इनमें से एक रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में सौंप दी गई है ।
सेबी ने कहा था कि उसका इस मसले से कोई लेना देना नहीं है और उसका नाम प्रतिवादी की सूची में डालकर बिना मतलब के घसीटा जा रहा है । उसका नाम प्रतिवादी की सूची से हटाया जाए।
याचिकाकर्ता और वकील मनोहरलाल शर्मा ने आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार पनामा पेपर्स लीक मामले के हाई प्रोफाईल लोगों को बचाने में लगी है । उन्होंने पनामा पेपर्स लीक मामले में एक फिल्म अभिनेता और एक बड़े वकील का नाम लिया लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें चेतावनी दी थी कि वे नाम नहीं लें ।