नई दिल्ली। बीते दिन पाकिस्तान उच्चायोग के कर्मचारी महमूद अख्तर को दिल्ली में भारत विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने पर हिरासत में लिए जाने के बाद यह बात सामने आई है कि वह 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले जैसी साजिश के लिए खुफिया जानकारी जुटाने की कोशिश कर रहा था।
खबर के अनुसार महमूद देश के तटीय इलाकों में सेना के प्रतिष्ठानों की जानकारी जुटाने की कोशिश कर रहा था। खुफिया ऐजेंसियों की मानें तो आईएसआई भारत में मुम्बई जैसा हमला कराने के लिए समुद्र मार्ग से आतंकवादियों को भेजने की साजिश रच रही है।
खुद को बताया भारतीय नागरिक:-
पाकिस्तान उच्चायोग के अधिकारी ने शुरुआत में कहा कि वह भारतीय नागरिक है। उसने पुरानी दिल्ली के चांदनी चौक के महमूद राजपूत नाम का एक फर्जी आधार कार्ड भी दिखाया।
अख्तर को दिल्ली में चिड़ियाघर के पास से हिरासत में लिया गया था। वह दो भारतीयों मौलाना रमजान और सुभाष जांगीर से रक्षा से संबंधित जानकारी लेने के लिए आया था। रमजान और जांगीर पर आईएसआई के लिए काम करने का आरोप है।
जासूसी नेटवर्क का सरगना:-
18 महीने से सक्रिय जासूसी नेटवर्क का ‘वह एक सरगना था।’ एक अधिकारी के अनुसार इसमें दूसरे कर्मचारी सदस्यों की संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता। यह अख्तर था जो अपनी असली पहचान छिपाने के लिए छल का सहारा ले रहा था।
पाक ने आरोपों को बताया झूठ:-
पाकिस्तान विदेश मंत्रालय ने कहा कि राजनयिक को तीन घंटे के लिए झूठे आरोपों में गिरफ्तार किया गया था, जब वह उच्चायोग के लिए लौट रहा था। एक बयान में कहा, “हम अपने राजनयिक अधिकारी की गिरफ्तारी और दुर्व्यवहार की निंदा करते हैं। “