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जानिए: कब-कब सामने आया भारत के खिलाफ पाकिस्तान का दोगला चेहरा

पाकिस्तान का दोगला चेहरा जानिए: कब-कब सामने आया भारत के खिलाफ पाकिस्तान का दोगला चेहरा

नई दिल्ली। लाहौर नई दिल्ली और लाहौर के बीच चलने वाली पाक-भारत दोस्ती बस सेवा को वाघा सीमा तक ही सीमित कर दिया। पाकिस्तान की ओर से कहा गया है कि आतंकी खतरे की वजह से यह फैसला लिया गया था। नई दिल्ली से आ रहे यात्रियों और भारत जाने वाले यात्रियों को वाघा सीमा पर उतर कर दूसरी बस पकड़ने के लिए कहा गया है। वाघा सीमा भारतीय राज्य पंजाब के अमृतसर शहर और पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित लाहौर के बीच में है। दोनों देशों के बीच यह बस सेवा नागरिकों के संपर्क को मजबूत बनाने के लिए 16 मार्च 1999 को शुरू की गई थी।

पाकिस्तान का दोगला चेहरा जानिए: कब-कब सामने आया भारत के खिलाफ पाकिस्तान का दोगला चेहरा

बता दें कि पाकिस्तान पर्यटन विकास निगम (पीटीडीसी) ने कहा है कि पाक-भारत दोस्ती बस सेवा अब केवल वाघा सीमा तक चलेगी। पीटीडीसी के एक अधिकारी ने बताया, ‘नई दिल्ली और अमृतसर के लिए जाने वाले यात्रियों को अब वाघा से बस पकड़नी होगी। इसी तरह, सीमा पार से इस सेवा के जरिए यहां पहुंचने वाले यात्रियों को वाघा सीमा पर ही उतरना होगा।’

उन्होंने कहा कि यह फैसला बढ़ते आतंकी खतरे के मद्देनजर किया गया है। 16 दिसंबर को पेशावर में आर्मी स्कूल में तालिबान आतंकवादियों द्वारा 150 लोगों को मौत के घाट उतारे जाने के बाद नवाज शरीफ सरकार सुरक्षा मामलों से संबंधित कोई जोखिम नहीं लेना चाहती है।

पुलिस पहले वाघा से लाहौर के गुलबर्ग और ननकाना साहिब अड्डों तक बसों को सुरक्षा उपलब्ध कराती थी। इसी तरह, पुलिस गुलबर्ग और ननकाना साहिब से दोस्ती बसों को वाघा सीमा तक सुरक्षा मुहैया कराती थी। अधिकारी ने कहा, ‘इससे दोनों तरफ के यात्रियों को परेशानी होगी, लेकिन हमने उनकी सुरक्षा के लिए कदम उठाए हैं।’ उन्होंने कहा कि सरकार कानून व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा करने के बाद पुराने अड्डों (गुलबर्ग और ननकाना साहिब) को बहाल करने पर विचार कर सकती है।

शांति को लेकर भी पाक का दोगला चेहरा

जिस तरह से पाकिस्तान ने बस सेवा को लेकर अपना दोगला चेहरा दिखाया है उसी तरह पाकिस्तान शांति के नाम पर पाक का दोगला चेहरा सामने आता रहा। कभी गोलीबारी के लेकर तो कभा सीजफार के उलंघन के नाम पर हमेशा से पाक अपना दोगा चेहरा दिखाता आया है।

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