पाकिस्तान। पकिस्तान ने 11 भारतीय मछवारों को गिरफ़्तार कर लिया है। पाकिस्तानी अधिकारियों ने उन सभी पर देश की सीमा में कथित रूप से घुसने का आरोप लगाया है। शुरुआती पूछताछ के बाद, गिरफ्तार किए गए मछुआरों को आगे की लीगल औपचारिकताओं के लिए कराची पुलिस को सौंप दिया गया है।
दो भारतीय नौकाएं भी ज़ब्त की गयी : पीएमएसए
बताया जा रहा है कि पीएमएसए द्वारा क्षेत्र की कड़ी निगरानी की जा रही है। इस दौरान उन्होंने 11 भारतीय मछवारों को अपनी नौकाओं में सवार देख़ा और उन्हें धर दबोचा। उन पर आरोप लगाया कि वह सभी पाकिस्तानी सीमा में घुस रहें है। साथ ही उनकी दोनों नौकाओं को भी ज़ब्त कर लिया गया।
पीएमएसए ने आगे कहा कि हाल-फिलहाल के कुछ दिनों के दौरान पाकिस्तानी समुद्री सीमा में प्रवेश की कई कोशिशें देखी गई हैं। इसी कारण पाकिस्तानी समुद्री सुरक्षा एजेंसी के जहाज, विमान और तेज नौकाओं द्वारा क्षेत्र में गश्त की जा रही है तथा निगरानी भी की जा रही है।
हमारी सीमाओं में घुसना हो सकता है चिंता का विषय :पीएमएसए
पीएमएसए ने अपने बयान में कहा कि ऐसी नौकाओं में सामान्य तौर पर जीपीएस डिवाइस लगे होते हैं। जो एक चिंता का विषय है। क्योंकि इन नौकाओं का प्रयोग ग़लत कामों विशेषकर हमारी जासूसी में किया जा सकता है।
बता दें कि दर्जनों मछुआरों ने जेल की अपनी सजा पूरी होने के बावजूद कई साल कारागार में गुज़ारें। हाल के महीनों में दोनों देशों ने जल्द से जल्द मछुआरों को रिहा करने की दिशा में कदम उठाएं हैं।
गौर करने वाली बात ये है कि अरब सागर में स्पष्ट समुद्री सीमा नहीं होने की वजह से अक्सर भारत और पाकिस्तान एक-दूसरे के मछुआरों को गिरफ्तार करते रहते हैं। वहीं मछुआरों के पास उनके सटीक स्थान पर जाने के लिए नै आधुनिक तकनीक से लैस नावें नहीं होती हैं। लंबी और धीमी नौकरशाही और कानूनी प्रक्रियाओं के कारण, मछुआरे आमतौर पर कई महीनों तक जेल में रहते हैं तथा कभी-कभी सालों तक भी।
बता दें कि पाकिस्तानी अधिकारियों ने साल 2015 में को 113 भारतीय मछुआरों को वाघा सीमा पर भारत के सीमा सुरक्षाबल (बीएसएफ) को सौंप दिया था। उनकी रिहाई प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और नवाज़ शरीफ की फ़ोन पर बात हुई बात और शरीफ द्वारा उठाए गए ‘सद्भावना’ के कदम के तहत हुई थी।