रुड़की। यूं तो उत्तराखंड उच्च न्यायलय 1 जनवरी 2017 से पूरे उत्तराखंड में पॉलीथिन के उपयोग पर पूर्णतयः प्रतिबन्ध लगा चुका है लेकिन बाजारो में दुकानदार हाईकोर्ट के आदेश की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं। उड़ाए भी क्यों न क्योंकि हाईकोर्ट के आदेश को लागू करने में स्थानीय प्रशासन की कोई दिलचस्पी नहीं दिखती कम से कम रुड़की के बाजार का हाल देखकर तो यही कहा जा सकता है।
पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त करने की दिशा में राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय हरित न्यायधिकरण जब-तब गाइडलाइन जारी करता रहता है लेकिन स्थानीय प्रशासन का ढीला रैवय्या उन्हें उतनी मजबूती से धरातल पर नहीं उतर पाता,इसी कड़ी में पॉलीथिन पर प्रतिबन्ध लगाना भी शामिल है हाल ही में नैनीताल हाईकोर्ट इस मामले को लेकर काफी गंभीर दिखाई दिया है और हाईकोर्ट ने उत्तराखंड के सभी जिलाधिकारियों को इस मामले में तलब किया है।
बात अगर रुड़की की करे तो पॉलीथिन प्रतिबन्ध के मामले में यहाँ के हालात कुछ अलग नहीं है यहाँ खुलेआम छोटे-बड़े व्यापारी पॉलीथिन का जमकर इस्तेमाल कर रहे है मजे की बात ये है कि स्थानीय प्रशासन रुड़की नगर निगम के साथ मिलकर पॉलीथिन प्रतिबन्ध अभियान चलाने की बात तो कर रहा है लेकिन हाईकोर्ट के निर्देशों को वो कब तक धरातल पर लागू कर देगा इसका जवाब उसके पास भी नहीं है।
-शकील अनवर