नई दिल्ली। साल 2013 से चले आ रहे व्यापम घोटाले को लेकर आज देश की सबसे बड़ी अदालत ने एक बड़ा फैसला सुनाया है…फैसला ये कि साल 2008 से 2012 बैच तक के नकल के दोषी 634 छात्रों के दाखिले को रद्ध कर दिया गया है। इस फैसले को सुनाते हुए जस्टिस जे चेलामेश्वर ने कहा कि सभी पक्षों की दलीलों को ध्यान में रखते हुए सभी 634 छात्रों को ग्रेजुएशन पूरा होने के बाद पांच साल तक भारतीय सेना के लिए बिना सैलरी के काम करना पड़ेगा और 5 साल होने के बाद उन्हें डिग्री दी जाएगी। लेकिन इस दौरान उन्हें गुजारा भत्ता दिया जाएगा।
बता दें कि व्यापम में सामूहिक नकल की बात सामने आने पर साल 2008 से 2012 के छात्रों के बैच के एडमिशन रद्द कर दिए थे जिसके बाद छात्रों ने कोर्ट से इस मामले में दखल देने की अपील की थी।
जानिए क्या है व्यापम स्कैम?
व्यापम स्कैम या यूं कहे कि मध्य प्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल साल 2013 में सामने आया। जब पुलिस ने एमबीबीएस की भर्ती परीक्षा में बैठे कुछ फर्जी छात्रों को गिरफ्तार किया ये छात्र किसी दूसरे छात्र के नाम पर परीक्षा दे रहे थे। हालांकि बाद में पता चला कि ये स्कैम प्रदेश में पिछले कई सालों से चलता चला आ रहा है।
इस मामले के सामने आने के बाद साल 2015 में व्यापम भर्ती घोटाले की जांच सीबीआई कर रही है। सीबीआई इस मामले को लेकर संदिग्ध भूमिका वाले 402 लोगों को खोजने में भी सफल रही है जो कि अब तक की जांच के दायरे से बाहर रहे। इसके अलावा 170 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर चुकी है और 74 लोगों को खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल कर चुकी है।