वॉशिंगटन। दूसरी रणनीतिक और वाणिज्यिक वार्ता के लिए अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी और वाणिज्य मंत्री पेन्नी प्रिट्जकर अगले सप्ताह नई दिल्ली आ रहे हैं। माना जा रहा है कि अपने कार्यकाल के अंतिम चरण में पहुंच चुके ओबामा प्रशासन की भारत सरकार से यह अंतिम बड़ी बातचीत हो सकती है। व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जोश अर्नेस्ट ने गुरुवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अमेरिका और भारत के बीच मजबूत आर्थिक संबंध दोनों देशों में रोजगार सृजन कर सकते हैं और उनकी अर्थव्यवस्थाओं को मजबूत कर सकते हैं।
अर्नेस्ट ने कहा, “राष्ट्रपति का मानना है कि दोनों देशों के बीच ज्यादा प्रभावी संबंध दोनों देशों की अर्थव्यवस्था में सुधार, रोजगार सृजन और आर्थिक विकास को बढ़वा दे सकते हैं। और, मैं जानता हूं कि प्रधानमंत्री मोदी इन लक्ष्यों को साझा करते हैं।”
उन्होंने कहा कि इन लक्ष्यों को हासिल करने में ओबामा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक प्रभावी वार्ताकार और भागीदार माना है। अर्नेस्ट ने कहा, “ओबामा प्रशासन के करीब साढ़े सात साल के काल में हमने जो प्रगति की है, उससे राष्ट्रपति खुश हैं। हम शेष बचे पांच महीने में इसे आगे बढ़ाने के लिए जितना कर सकते हैं, वह सब करने की कोशिश कर रहे हैं। ”
व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव अर्नेस्ट ने यह भी कहा कि अमेरिका और भारत के बीच संबंध मजबूत बनाने के लिए राष्ट्रपति ओबामा ने काफी समय दिया है। उन्होंने कहा, “राष्ट्रपति ने दो बार भारत का दौरा किया, मेरा मानाना है कि प्रत्येक दौरा विश्व के दो सबसे बड़े लोकतंत्रों के बीच राजनीतिक संबंध मजबूत करने में समर्पित किया गया है, लेकिन हमारे दोनों देशों के बीच आगे आर्थिक संबंध मजबूत बनाने की भी हम कोशिश कर रहे हैं।”
अगले नवम्बर महीने में होने वाले राष्ट्रपति के चुनाव के साथ संकेत मिले हैं कि भारत को लेकर अमेरिकी नीति में निरंतरता बनी रहेगी। हाल के अमेरिकी जनमत सर्वेक्षण दर्शा रहे हैं कि राष्ट्रपति पद की डेमोक्रेट उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन अपने प्रतिद्वंद्वी रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप से आगे चल रहीं हैं।