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नेपाल को भारत के तेज स्पीड नेट से ज्यादा भाया चीन का स्लो स्पीड इंटरनेट

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काठमांडु। नेपाल में वामपंथियों की नई सरकार बनते ही नेपाल धीरे-धीरे चीन के करीब होता जा रहा है। नेपाल ने भारत के तेज स्पीड नेट के अलावा चीन का स्लॉ स्पीड़ का नेट भी अपना लिया है। नेपाल की जनता ने हिमालय पर्वत पर बिछी चीन की ऑप्टिकल फाइबर लिंक के जरिए इंटरनेट का इस्तेमाल करना शुरू भी कर दिया है। इसके साथ साइबर दुनिया के लिए भारत पर निर्भर नेपाल ने अपनी निर्भरता को समाप्त कर दिया है। अधिकारियों के मुताबिक रसुवागढ़ी सीमा के माध्यम से चीनी फाइबर लिंक द्वारा मिलने वाली इंटरनेट की प्रारंभिक स्पीड 1.5 गीगाबाइट प्रति सेंकड़ होगी, जोकि भारत से मिलने वाली स्पीड से काफी कम है। internet cables copy 11062017081044 नेपाल को भारत के तेज स्पीड नेट से ज्यादा भाया चीन का स्लो स्पीड इंटरनेट

आपको बता दें कि भारत, नेपाल को भैरहवा और बीरगंज के माध्यम से 34 जीबीपीएस की स्पीड मुहैया करवा रहा था। उन्होंने बताया कि हिमालय पर्वतों में चीन के ऑप्टिकल फाइबर लिंक का वाणज्यिक परिचालन शुरू हो गया है। पाल के मुताबिक नेपाल के सूचना एवं प्रसारण मंत्री मोहन बहादुर बासनेत ने नेपाल-चीन सीमा पार ऑप्टिकल फाइबर लिंक का यहां एक कार्यक्रम में उद्घाटन किया।

गौरतलब है कि साल 2016 में सरकारी कंपनी नेपाल टेलीकॉम ने चीन की सरकारी कंपनी चाइना टेलीकम्युनिकेशन ने चीन के माध्यम से नेपाल में इंटरनेट के परिचालन के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे। बासनेत ने कहा कि नेपाल और चीन के बीच स्थापित ऑप्टिकल फाइबर लिंक देश भर में इंटरनेट बुनियादी ढांचे के विकास में महत्वपूर्ण उपलब्धि होगी, जोकि नेपाल और चीन के बीच आधिकारिक स्तर के साथ-साथ नागरिक स्तर पर भी द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देगी।

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