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एफएसडीए जांच से दूर, फतेहपुरवासी मिलावटी दूध पीने को मजबूर

एफएसडीए जांच से दूर, फतेहपुरवासी मिलावटी दूध पीने को मजबूर

फतेहपुर: सावधान…जिस दूध को हम और आप बड़े चाव से पीते हैं या उससे बने उत्पाद खाते हैं वह कितना सुरक्षित है, इसकी जानकारी खाद्य एवं औषधि प्रशासन को भी नहीं है। दरअसल, दूध की सैंपलिंग कम होने से इसकी हकीकत पता नहीं चल पा रही है। इसका दोष यह है कि खुलेआम दूध का मिलावटी कारोबार किया जा रहा है। हालांकि, नए अभिहीत अधिकारी देवेंद्र पाल सिंह के आने से मामले पर कितना सुधार हो पाता है यह तो समय ही बताएगा। फिलहाल जिले के दूरस्थ क्षेत्र मिलावटी दूध पीने को मजबूर हैं।

दुधारू पशु कम, लेकिन दूध बढ़ा

दुधारू पशुओं की संख्या लगातार कम होती जा रही है, लेकिन दूध की बिक्री लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसे में यह दूध कहां से आ रहा है, यह एक बड़ा सवाल है। जिले भर में खूब दूध का कारोबार होता है। साथ ही दूध से बने खाद्य पदार्थ भी खूब बेचे जाते हैं, जिनमें खोया, पनीर, दही, मिठाई इत्यादि से लेकर तमाम चीजें शामिल हैं।

ऐसे में यदि दूध ही गड़बड़ होगा तो बाकी चीजें भी प्रभावित होंगी। इस खतरे से अनजान लोग और दुकानदार फेरी वालों से दूध खरीदकर खाते-पीते रहते हैं, लेकिन एफएसडीए इस ओर बहुत कम ध्यान दे पाता है। अब ऐसा क्यों है यह तो विभागीय अधिकारी ही जानें।

एफएसडीए टीम नहीं ले पाती सैंपल

गौरतलब है कि खाद्य एवं औषधि प्रशासन की सारी जांचें शहरी क्षेत्रों तक सीमित हैं। तभी तो जिले के दूरस्थ क्षेत्रों में एफएसडीए की टीम सैंपल ही नहीं ले पाती हैं, इसीलिए लाखों लोग दुकान या फेरी से बिकने वाले खाने-पीने के सामानों को बिना जांच के ही खा-पी रहे हैं। इनमें धाता, कल्याणपुर, किशनपुर, गाजीपुर, थरियांव, हथगाम, खखरेरू सहित कई जगहें शामिल हैं।

एफएसडीए जांच से दूर, फतेहपुरवासी मिलावटी दूध पीने को मजबूर

हालांकि, विभाग कार्रवाई का दम जरूर भरता है लेकिन जानकारी एक भी नहीं दे पाता है। लोगों को खाने-पीने की शुद्ध चीजें मिलें, इसके लिए खाद्य एवं औषधि विभाग बनाया गया है। सामान्यत: यह विभाग होली-दीपावली के आसपास ही सक्रिय होता है, बाकी समय यह विभाग यदा-कदा ही फील्ड में दिखाई देता है। उसमें भी विभागीय कार्रवाई जिला मुख्यालय या आसपास ही होती है। इस तरह कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति भी हो जाती है और विभागीय सक्रियता भी दिखाई पड़ जाती है।

“लोगों के स्वास्थ्य को लेकर विभाग सक्रिय है। जल्द ही दूरस्थ क्षेत्रों में दूध के सैंपल लिए जाएंगे। इस दौरान गड़बड़ी पाए जाने पर संबंधित के खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी। इसमें डेरी से लेकर फेरी वाले दूध विक्रेता शामिल होंगे।”

देवेंद्र पाल सिंह, अभिहीत अधिकारी, एफएसडीए, फतेहपुर

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