नई दिल्ली। मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय की ओर से नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (नीट) परीक्षा में एक बार फिर से बदलाव किया गया है। आपको बता दें कि मेडिकल में प्रवेश के लिए होने वाली परिक्षा यानि की नीट का एग्जाम अब पुराने पैटर्न के अनुसार ही होगा। यानि की जैसे पहले होता था साल में एक बार वो भी पेन और पेपर के जरिए।
ऑनलाइन मोड परीक्षा से नुकसान
बता दें कि ये बदलाव तमाम विरोध के बाद किया गया है। पहले ये परिक्षा साल में दो बार और सिर्फ ऑनलाइन मोड के जरिए होती थी लेकिन अब इस पैर्टन को बदल दिया गया है। आपको बता दें कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसके बाद मानव संसाधन विकास मंत्रालय को पत्र लिखकर साल में दो बार नीट के आयोजन को लेकर चिंता प्रकट किया, क्योंकि इस तरह के परीक्षा कार्यक्रम से छात्रों पर अतिरिक्त दबाव बन सकता है, ग्रामीण इलाके में रहने वाले छात्रों को लेकर भी चिंता प्रकट की गई कि सिर्फ ऑनलाइन मोड में परीक्षा होने से उन्हें नुकसान हो सकता है।
अधिकारी ने बताया कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के आग्रह के बाद नीट परीक्षा पैटर्न में बदलाव के पूर्व के बयान के विपरीत अब यह कागज-कलम के जरिए और उतनी ही भाषाओं में कराने का फैसला किया गया जैसा पिछले साल आयोजन हुआ था। स्वास्थ्य मंत्रालय चाहता था कि पिछले साल के पैटर्न को ही अपनाया जाए। पिछले महीने मंत्रालय की ओर से जारी संभावित कार्यक्रम के बाद मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने मई 2019 तक एनटीए द्वारा आयोजित परीक्षाओं का अंतिम कार्यक्रम सार्वजनिक कर दिया। नीट परीक्षा पांच मई 2019 को होगी।
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