नई दिल्ली। अपनी मांगों को लेकर देश के प्रमुख केंद्रीय श्रमिक संगठन आज हड़ताल पर हैं। राष्ट्रव्यापी हड़ताल में 15 करोड़ कर्मचारियों के शामिल होने का दावा किया जा रहा है। संगठनों का कहना है कि सरकार ने उनकी 12 सूत्री मांगों पर ध्यान नहीं दिया है और सरकार एकतरफा तरीके से श्रम सुधार लागू कर रही है।
देशव्यापी हड़ताल होने से इसका असर कोयला उद्योग, पावर सेक्टर, स्टील सहित अन्य उद्योगों पर दिखेगा।
यूपी :- उत्तर प्रदेश में राज्य सरकार के 18 लाख से अधिक कर्मचारी सरकार की ‘श्रमिक विरोधी’ नीतियों के खिलाफ व्यापार संघों ओर से शुक्रवार को आहूत बंद में शामिल हो गए हैं। इस 24 घंटे की हड़ताल को राज्य के 250 कर्मचारी संघों का समर्थन मिल रहा है, जो वेतन आयोग की अनुशंसाओं में विसंगतियों और अपनी मांगों को पूरा नहीं किए जाने का विरोध कर रहे हैं।
सभी केंद्रीय व्यापारिक संघों, औद्योगिक महासंघों और श्रम समूहों ने इस हड़ताल को समर्थन दिया है। कर्मचारी संघ के एक नेता ने आईएएनएस से कहा कि राज्य सरकार के अधिकांश विभागों में कोई कामकाज नहीं हो रहा।
उत्तराखंड:– केंद्रीय श्रमिक संगठनों की ओर से शुक्रवार को आहूत एकदिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल का उत्तराखंड में लोगों के जनजीवन पर कोई खास असर नहीं पड़ा, क्योंकि राज्य के कर्मचारी हड़ताल से अलग हैं। राज्य के अधिकांश बैंक संगठनों ने भी खुद को हड़ताल से अलग रखा। केवल एक व्यापार संगठन-हिंद मजदूर सभा (एचएमएस)-हड़ताल में शामिल है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार की ‘मजदूर विरोधी’ नीतियों के खिलाफ केंद्रीय श्रमिक संगठनों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल का असर हरिद्वार स्थित भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) पर पड़ा। हड़ताल के मद्देनजर, एहतियातन राज्य के सभी स्कूल बंद रहे और प्रदेश के मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह ने सभी जिलाधिकारियों से सतर्क रहने को कहा। राज्य सरकार चाहती है कि हड़ताल के कारण आम लोगों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े और कोई अप्रिय घटना न घटे। प्रदेश कांग्रेस ने हालांकि राष्ट्रव्यापी हड़ताल का समर्थन किया और आरोप लगाया कि राजग सरकार ने श्रमिक संगठनों की आवाज दबाई है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार श्रमिक वर्ग के खिलाफ है और कांग्रेस पार्टी आंदोलन का पूर्ण समर्थन करती है।
बिहार:- केंद्र सरकार की ‘श्रमिक विरोधी’ नीतियों के खिलाफ शुक्रवार को प्रमुख केंद्रीय श्रम संगठनों की देशव्यापी हड़ताल का असर बिहार में भी देखा जा रहा है। राज्य की राजधानी पटना सहित विभिन्न इलाकों में बैंकिंग और परिवहन क्षेत्र से जुड़े तमाम संगठनों के हड़ताल पर जाने के कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
हड़ताल में शामिल श्रमिक संगठनों से जुड़े लोग सुबह से ही सड़कों पर उतर आए। इस क्रम में बंद समर्थकों ने कई जगहों पर रेल पटरियों को जाम कर दिया। पटना के फुलवारीशरीफ इलाके में भी बंद समर्थक सुबह ही सड़कों पर उतर आए और जुलूस निकाल सरकार विरोधी नारे लगाने लगे। ऑटो और नगर बस सेवा बंद होने की वजह से शहरी परिवहन अस्त-व्यस्त हो गया है।
बांका और मधुबनी में बंद समर्थकों ने रेल पटरियों को जाम कर दिया, जिससे ट्रेनों के आवागमन पर प्रतिकूल असर देखा गया। पटना के मसौढ़ी रेलवे स्टेशन पर वामपंथी दलों ने पलामू एक्सप्रेस को एक घंटे तक रोके रखा। इसके बाद पुलिस प्रशासन ने बंद समर्थकों को वहां से हटाया। दरभंगा रेलवे स्टेशन पर भी कर्मचारियों ने ट्रेनों का आवागमन अवरुद्घ किया और नारेबाजी की। बिहार बैंक कर्मचारी यूनियन के संजय तिवारी ने बताया कि हड़ताल के कारण राज्य के 6,692 बैंकों में काम ठप पड़ा हुआ है। बैंक के सामने कर्मचारियों ने धरने पर बैठकर केंद्र सरकार की ‘श्रमिक विरोधी’ नीतियों के खिलाफ नारे लगाए। इधर, जहानाबाद, पूर्णिया, भागलपुर सहित विभिन्न जिला मुख्यालयों में हड़ताल के समर्थन में कर्मचारियों ने जुलूस निकाला। ऑटो रिक्शा चालक संघों, सेल्स रिप्रेजेंटेटिव यूनियन, आशा व आंगनवाड़ी संघ तथा संविदा पर काम कर रहे संगठनों ने भी हड़ताल का समर्थन किया है।
ऑटो और बस सेवा बंद होने के कारण स्कूल जाने वाले बच्चों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। कई बच्चे हड़ताल के कारण स्कूल नहीं जा सके। बंद को देखते हुए पटना में सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। शहर के प्रमुख चौक चौराहों पर अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है।
मध्य प्रदेश:- मध्य प्रदेश में भी के कई स्थानों पर इसका प्रभाव देखा जा रहा है। इसके तहत विभिन्न क्षेत्रों से सभाओं तथा रैलियों के आयोजन की तैयारी है। भोपाल स्थित भारत हेवी इलेक्टिकल्स लिमिटेड (भेल) के कारखाने में भी हड़ताल का असर देखा जा रहा है। राजधानी भोपाल के केंद्रीय विभागों के दफ्तरों में देशव्यापी हड़ताल का असर सुबह से ही दिखने लगा है। इस कारण कामकाज काफी प्रभावित हो रहा है तथा श्रमिक संगठनों के नेताओं के अनुसार, यहां दोपहर में रैली निकाली जाएगी और सभाएं होंगी।
राजधानी के भोपाल स्थित भेल कारखाने में भी हड़ताल का असर है। इंटक के प्रदेश सचिव दीपक गुप्ता ने आईएएनएस को बताया कि कारखाने में कार्यरत 14 हजार कर्मचारियों और ठेका श्रमिकों में से अधिकांश हड़ताल पर हैं। इससे कामकाज प्रभावित है। इसी तरह, राज्य के अन्य हिस्सों इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर आदि स्थानों से भी हड़ताल के कारण कामकाज प्रभावित होने की सूचना है।