नरेश सोनी, जैसलमेर
जैसलमेर की धरा पर शौर्य को धार दिया गया। भारत पाकिस्तान सीमा से सटे राजस्थान के रेतीले धोरों में तीन माह से चल रहे भारतीय सेना के अब तक का सबसे बड़े युद्धाभ्यास दक्षिण शक्ति आज शुक्रवार को सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। थल सेनाध्यक्ष मनोज मुकुंद नरवणे व दक्षिण कमान वायुसेना के कमाण्डेड इन चीफ एयर मार्शल विक्रम सिंह दक्षिण शक्ति युद्धाभ्यास के साक्षी बने।
इस दक्षिण शक्ति नामक इस युद्धाभ्यास के एयरबोर्न ऑपरेशन में एयरक्राफ्ट सी – 130 , सी – 70 , एएन – 32 से पैराट्रूपर्स, पैराशूट बैटल ग्रुप, एयर डिफेन्स गन, जिप्सी, मोबाइल टीम, मेडिकल सर्जिकल टीम, एन्टी टैंक गाइडेड वेपन को एयर क्राफ्ट से ड्रॉप किया गया। वहीं, T – 72 व T – 90 टैंक का भी इस युद्धाभ्यास में उपयोग किया गया। पहली बार मानव रहित व मानव युक्त रूप से युद्धाभ्यास किया गया। समय के साथ युद्ध की बदलती रणनीति को लेकर भारतीय सेना अपडेट हो रही है।
400 पैराट्रूपर्स ने 10 हजार फीट की ऊँचाई से लगाई छलांग
इस युद्धाभ्यास में एयरक्राफ्ट सी – 130, सी – 70, एएन – 32 से पैराट्रूपर्स को ड्रॉप किया गया। लगभग 400 से अधिक पैराटूपर्स ने 10 हजार फीट की ऊंचाई से एक साथ पैरा जंप की। पैराट्रूपर्स ने पैराशूट खुलने के बाद अपनी- अपनी पोजिशन ली और फिर युद्ध के मैदान में अपने युद्ध कौशल का प्रदर्शन किया।
ये पहला मौका है जब पाकिस्तान से सटी सीमा पर नई टेक्नोलॉजी से वॉर एक्सरसाइज की जा रही है। भविष्य के युद्ध परमाणु शक्ति से लैस देशों के बीच कम समय में और सीमित स्थान पर लड़े जा सकते हैं। ऐसे में उनमें इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप यानी IBG टीम को भी अभ्यास में शामिल किया। सभी IBG को मिशन, खतरे और इलाके के हिसाब से गठित किया गया। इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप में सेना, थलसेना और वायुसेना के माहिर जवान शामिल हुए।
इस ग्रुप में टैंक, तोप, इंजीनियर्स, लॉजिस्टिक, सपोर्ट यूनिट भी मौजूद रही। अब तक ये सब अलग-अलग यूनिट के तौर पर तैनात हैं। युद्ध के वक्त एक साथ आते हैं, लेकिन अब सबको मिलाकर छोटा और मारक ग्रुप बनाने के बाद अब इनका युद्धाभ्यास हुआ है। इसका सिचुएशनल ट्रायल भी किया गया है।इस वॉर एक्सरसाइज में आर्मी, नेवी, एयरफोर्स के अलावा कोस्ट गार्ड, BSF, पुलिस और दूसरी इंटेलिजेंस एजेंसियां शामिल हुए और इन सबके बीच तालमेल को परखा गया है।