अधिकांशतः देखा जाता है कि कोई पुलिसकर्मी यदि किसी को ट्रैफिक नियम तोड़तने पर चालान काटता है तो आरोपी शिफारिश की कोशिश कर करता है। जिसके लिए वह पुलिस महकमे में अपने परचितों का फोन लगाता है। या अन्य कई तरह के दबाव बनाता है ताकि उसका चालान न कटे। यदि किसी का बाप,भाई या बेटा जैसे खास संबंधी खुद पुलिस में हो तो उस व्यक्ति का चालान कटता शायद ही देखा गया हो। लेकिन एक इसी तरह का मामला मध्यप्रदेश से आया है।जहां ट्रैफिक नियम तोड़ते हुए एक सरकारी अधिकारी का चालान खुद उनके पुलिसकर्मी बेटे ने ही काटा है।
इसे भी पढ़ेःबार-बार ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों को जूतों से पीटो- गोवा डीजीपी
आपको बता दें कि मध्यप्रदेश के उमरिया जिले में पुलिस सूबेदार अखिलेश सिंह ने अपने पिता आरबी सिंह का चालान इसलिए काटा,क्योंकि उनकी गाड़ी पर ब्लैक फिल्म चढ़ी हुई थी।मालूम हो कि पुलिसकर्मी के पिता भी सरकारी अधिकारी हैं। जो कि बहोरीबंद तहसील में बतौर एसडीओ नैनात हैं। असल में पुलिसकर्मी के पिता अपने परिवार से मिलने के लिए उमरिया आए थे। उसी दौरान गाड़ी के शीशों पर काली फिल्म लगी देख पुलिस ने उन्हें रोक लिया।
जब अफसर पिता ने अपने बेटे को देखा तो हैरान रह गए।पुलिस वाले बेटे (अखिलेश) ने अपने साथियों को निर्देश दिया कि किसी के साथ कोई भेदभाव न किया जाए। इतना सुनकर पिता ने खुद ब खुद अपनी गाड़ी में लगी काली फिल्म निकलवा ली और जुर्माने का भुगतान भी किया। आपको बता दें कि सेंट्रल मोटरवाहन नियम-1989 के तहत शीशों पर रंगीन अथवा काली फिल्म लगवानी है तो विजिबिलिटी 5 फीसदी से कम नहीं होनी चाहिए। सामने और पीछे वाले शीशों की विजिबिलिटी (दृश्यता) 70 फीसदी होनी चाहिए। लेकिन इसके अलग-अलग प्रदेशों में नियम कुछ अलग भी हैं।