नई दिल्ली। #MeToo कैंपेन के चलते महिलाओं के यौन उत्पीड़न से जुड़े आरोपों का सामना कर रहे विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर ने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया है। कई महिला पत्रकारों द्वारा उत्पीड़न के आरोपों के बाद अकबर पर इस्तीफे का दबाव था, बीते रविवार को जैसे ही वो विदेश दौरे से लौटे तो उन पर सवालों की बौछार हुई। लेकिन अपने ऊपर लगे हर आरोपों को निराधार बताते हुए उन्होंने इस्तीफा देने से मना कर दिया। हालांकि जिन महिला पत्रकारों ने उन पर आरोप लगाया है वह अब भी अपने बयान पर कायम हैं।
#MeToo कैंपेन की शुरुआत हुई है तभी से ही कई तरह के मामले सामने आ रहे हैं
दरअसल, देश में जब से #MeToo कैंपेन की शुरुआत हुई है तभी से ही कई तरह के मामले सामने आ रहे हैं। इसी दौरान करीब 11 महिला पत्रकारों ने एमजे अकबर पर उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था। अकबर की सफाई के बाद पत्रकारों का कहना है कि वह अपने आरोपों पर कायम हैं। मीडिया से बात करते हुए कुछ महिला पत्रकारों ने अपने आरोपों को दोहराया है। इन आरोपों के बाद विपक्ष ने उन्हें घेरना शुरू किया और इस्तीफा मांगा। सफाई के बाद भी कांग्रेस ने उनपर निशाना साधा है।
मामले की जांच होनी चाहिए
वहीं कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने भी ट्वीट कर लिखा, क्या इस पर सफाई देना ही काफी है? 3 तलाक के लिए जेल और इन आरोपों के लिए कुछ भी नहीं, बेटी बचाओ से ज्यादा महत्वपूर्ण सरकार बचाओ। ये मन की नहीं बल्कि तन की बात है। सिर्फ विपक्षी पार्टियां ही नहीं बल्कि सहयोगी नेताओं ने भी अकबर पर सवाल खड़े किए हैं। मोदी सरकार में ही मंत्री रामदास अठावले का कहना है कि जिस प्रकार के आरोप लगे हैं वह गंभीर हैं, इसलिए इस मामले की जांच होनी चाहिए।
विदेश राज्यमंत्री ने आरोपों को बेबुनियाद बताया
बता दें कि विदेश दौरे से लौटे विदेश राज्यमंत्री ने रविवार को अपने ऊपर लगे आरोपों पर सफाई दी और सभी को बेबुनियाद बताया। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि इस तरह के आरोपों को लगा, 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले उनकी छवि बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है। अकबर ने कहा कि वह अपने वकीलों से बात कर सभी आरोप लगाने वाली महिलाओं पर कानूनी कार्रवाई करेंगे।
एमजे अकबर कई अखबारों के संपादक रहे हैं
दरअसल, विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर कई अखबारों के संपादक रहे हैं। उनके ऊपर अब तक 11 महिला पत्रकारों ने #MeToo कैंपेन के तहत आरोप लगाए हैं। अकबर पर पहला आरोप प्रिया रमानी नाम की वरिष्ठ पत्रकार ने लगाया था जिसमें उन्होंने एक होटल के कमरे में इंटरव्यू के दौरान की अपनी कहानी बयां की थी। रमानी के आरोपों के बाद अकबर के खिलाफ आरोपों की बाढ़ आ गई और एक के बाद एक कई अन्य महिला पत्रकारों ने उन पर संगीन आरोप लगा रही हैं। जिसके कारण सोशल मीडिया और विपक्ष की ओर से लगातार उनके इस्तीफे की मांग उठ रही है।