शानू भारती, संवाददाता,मेरठ
मेरठ जिले में संतोष कुमार की मौत के मामले में प्रशासन ने सख्त कार्रवाई की है। जिसके तहत कोविड प्रमुख अधीक्षक डॉक्टर सुधीर राठी को पद से हटा दिया गया है। साथ ही उनसे विभागाध्यक्ष सर्जरी का चार्ज भी छिन लिया गया है।
डॉक्टर उत्कर्ष कौशिक की सेवाएं समाप्त
वहीं संविदा पर कार्यरत डॉक्टर उत्कर्ष कौशिक की सेवाएं समाप्त कर दी गई है। जो एसोसिएट प्रोफेसर थे, उनकी ड्यूटी के दौरान ही संतोष की मौत हुई थी। इसके साथ मैटर्न अनीता को कोविड से हटाकर कार्यालय में सम्बद्ध किया है। मामले में इनके अलावा 5 अन्य स्टाफ की वेतन वृद्धि और एक महीने का वेतन भी काटा गया है। यह कार्रवाई पहले की गई थी, जिससे कोर्ट संतुष्ट नहीं था।
मेरठ कमिश्नर को सौंपी थी विस्तृत जांच
बता दें राज्यपाल ने मेरठ कमिश्नर को विस्तृत जांच सौंपी थी। जिसके बाद दूसरी जांच स्वास्थ्य महानिदेशक ने शुरू कराई। जिसके तहत पाया गया कि ये मृत मरीज को 10 दिन तक जिंदा बताते रहे। और परिवार होते हुए मरीज की लावारिस अन्तेष्टि की।
क्या है पूरा मामला
दरअसल एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज में मरीज संतोष कुमार को कोरोना होने पर भर्ती किया गया था। जिनकी भर्ती करने के तीसरे ही दिन मृत्यु हो गई। इसके बाद अस्पताल स्टाफ ने संतोष का अंतिम संस्कार अज्ञात में कर दिया। और मामले की जानकारी परिजनों को नहीं दी। बल्कि उनको 10 दिन बाद तक ये कहा गया कि वो जिंदा हैं, और उनका इलाज चल रहा है। वहीं जांच के दौरान पता चला है कि संतोष कुमार की भर्ती करने के दो दिन बाद ही मौत हो गई थी।