संवाददाता, मेरठ। पिछले कई वर्षों से डेयरियों को लेकर चर्चा में बने रहे नगर निगम को अब हाईकोर्ट ने एक बार फिर फटकार लगाई है और हर हाल में डेयरियों को शहर से बाहर करने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने तीस जून तक की माेहलत दी है और 1 जुलाई को फिर से न्यायालय में रिपोर्ट तलब की जाएगी।
दो हजार से भी अधिक है डेयरियों की संख्या
गौरतलब है कि शहर में दो हजार से अधिक डेरिया है, शहर का कोई इलाका ऐसा नहीं है जहां पर घरों में पशुओं की डेरिया ना चल रही हों, डोरियों से निकलने वाले गोबर को नाली और नालों में पाया जाता है। जिसके कारण शहर के नाले और नालियां चोक हो गई है सफाई व्यवस्था ध्वस्त होने से शहर में गंदगी पसरी है, बरसात के दिनों में तो नाले से चोक होने से शहर जलभराव से जूझता है नगर निगम प्रशासन डेरियो को शहर से बाहर करने में कामयाब नहीं हो पाया।
पानी की भी होती है जमकर बर्बादी
डेयरियों की वजह से शहर में पानी की भी बर्बादी की जा रही है और समरर्सिबल द्वारा डेयरियों को साफ करने के नाम पर हजारों किलोलीट पानी नालियों में बहा दिया जाता है। यही नहीं झाड़ू लगाने के बजाय मोटर द्वारा चलने वाले पानी से ही डेयरियों की सफाई की जाती है और उसी से ही गोबर को नालियों तक पहुंचाया जाता है जिससे मेरठ की धरती में लगातार जलस्तर की कमी हो रही है।