बसपा सुप्रीमो मायावती ने मंगलवार को राज्यसभा की अपनी सदस्या से इस्तीफा दे दिया है। राज्यसभी की कार्यवाही के दौरान मायावती ने नाराजगी जताई थी। उन्होंने कहा था कि उनकी बात को वहां सिर्फ सुना ही नहीं जा रहा है बलकि उन्हें वहां बोलने भी नहीं दिया जा रहा है। मायावती के द्वारा इस्तीफा देने के बाद उनपर सियासत भी होने लग गई है। ऐसे में यूपी के मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा है कि मायावती का यूपी के विकास में बिल्कुल भी सहयोग नहीं रहा है। उन्होंने मायावती पर तंज कसते हुए कहा है कि प्रदेश में शांति में खलल डालने का प्रयास ना करें।
लेकिन दूसरी तरफ मायावती का समर्थन करते हुए कांग्रेस नजर आ रही है। मायावती का समर्थन करते हुए कांग्रेस नेता रेणुका चौधरी ने सवाल करते हुए कहा है कि क्या एक दलित नेता को बोलने का अधिकारी नहीं है? मायावती ने राज्यसभा में सहारनपुर मामले का मुद्दा उठाया। मायावती ने राज्यसभा में बीजेपी को घेरते हुए कहा कि देश में जहां-जहां बीजेपी की सरकार है वहां-वहां दलितों को दबाया जा रहा है उनपर अत्याचार किया जा रहा है। मायावती ने कहा कि सहारनपुर की हिंसा भी साजिश के तहत कराई गई।
बता दें कि राज्यसभा में मायावती ने उपसभापति को भी नहीं छोड़ा और वह पीजे कुरियन पर भी भड़क गई। मायावती ने कहा कि अगर मुझे अपने सवाल नहीं पुछने दिए गए तो इस्तीफा दे दूंगी। माया ने संसद की कार्यवाही का बहिष्कार करते हुए कहा कि अगर जनता की बात नहीं कर सकते तो लानत है। इतना कहकर वो बाहर चली गईं। वहीं उसके बाद कांग्रेस ने भी मायावती का समर्थन किया और सदन से वॉकआउट किया। संसद से बाहर आकर मायावती ने मीडिया से बीत करते हुए कहा कि सरकार मुझे बोलने नहीं दे रही है वो मुझे सच्ची बात कहने से रोक रही है। मायावती ने कहा कि अगर मुझे बोलने नहीं दिया गया तो मे इस्तीफा दे दूंगी।
साथ ही कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने भीड़ की हिंसा में लोगों के मारे जाने और मंदसौर में पुलिस फायरिंग में किसानों की मौत पर चर्चा के लिए राज्यसभा में नोटिस दिया है। सोमवार को सत्र के पहले दिन की कार्यवाही दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि देने के बाद स्थगित कर दी गई थी। विपक्ष मॉब लिंचिंग, जीएसटी, चीन बॉर्डर, पाकिस्तान, किसान समेत कई मुद्दों को प्रमुखता से उठाने की तैयारी में है। कांग्रेस, लेफ्ट समेत पूरा विपक्ष सरकार पर इन मुद्दों को लेकर हमलावर रहेगा।