नई दिल्ली। मथुरा के जवाहर बाग में अवैध कब्जा हटाने को लेकर भड़की भीषण हिंसा का मुख्य आरोपी रामवृक्ष यादव मारा जा चुका है। इस खबर की पुष्टि उत्तर प्रदेश के डीजीपी जावीद अहमद ने की है। जावीद ने ट्वीट कर रामवृक्ष के मारे जाने की खबर दी।
डीजीपी ने कहा कि फोटो से रामवृक्ष यादव की पहचान की गई। उन्होंने कहा कि शायद सिलिंडर धमाके में जलने से रामवृक्ष की मौत हुई। डीजीपी ने कहा कि वह पूरी यूपी पुलिस का गुनहगार था और जवाहर बाग में जो भी हो रहा था वो उसके इशारे पर ही हो रहा था।
‘आजाद भारत विधिक वैचारिक क्रांति सत्याग्रही’ का नेता रामवृक्ष यादव अपने संप्रदाय के सदस्यों के साथ सरकारी जमीन पर कब्जा जमाया हुआ था। जमीन खाली कराने पहुंची पुलिस एवं इस संप्रदाय के सदस्यों के बीच हुई झड़प में दो पुलिस अफसरों – सिटी एसपी मुकुल द्विवेदी और थाना प्रभारी संतोष यादव सहित कुल 24 लोगों की मौत हो गई थी।
पुलिस ने इलाके से बड़ी मात्रा में गोला बारूद बरामद किया और 320 लोगों को गिरफ्तार किया। पुलिस के मुताबिक मारे गए लोगों में से 11 की सिलेंडर विस्फोट के चलते झुलसकर मौत हुई थी। अतिक्रमणकारियों ने मौके से हटने से पहले उन झोपड़ियों को आग लगा दी, जहां बम, विस्फोटक और गैस सिलेंडर रखे हुए थे।
मथुरा में हुई हिंसा के मामले में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं। पुलिस को शक है कि जवाहर बाग के किसी इलाक़े में कहीं कोई बारूदी सुरंग या विस्फोटक न हो। 280 एकड़ इलाके में पुलिस का तलाशी अभियान जारी है। बम निरोधक दस्ता और फॉरेंसिक एक्सपर्ट जवाहर बाग में हैं। वहां किसी को जाने की इजाज़त नहीं है।