कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस की नेता और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी के तेवर काफी सख्त है। एक ओर सरकार के नोटबंदी के फैसले के खिलाफ उन्होंने सड़क पर मोर्चा खोल रखा है तो दूसरी तरफ उन्होंने सरकार के नौसेना तैनाती को असंवैधानिक करार दिया है। हालांकि ममता की मांग के बाद राज्य सचिवालय और हुगली नदी के पास बने दूसरे पुल से भी सेना को हटा लिया गया था। लेकिन खबरों के मुताबिक बैनर्जी सुबह 7 बजे तक सचिवालय में ही रही। इसके साथ ही सरकार के इस कदम को असंवैधानिक करार देते हुए इसकी शिकायत राष्ट्रपति से कर सकती है।
देर रात ममता बैनर्जी ने एक के बाद एक ट्वीट किए उन्होंने लिखा, बहुत ही आश्चर्य की बात है कि नबन्नों में राज्य सचिवालय होने की वजह से यहां पर हाई सुरक्षा सिक्योरिटी है लेकिन फिर भी यहां पर सेना की तैनाती की गई।
Very unfortunate. Army stationed in front of Nabanno, the Bengal State Secretariat in a high security zone, inspite of Police objection 1/2
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) December 1, 2016
बता दें कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को केंद्र सरकार पर राज्य को अंधेरे में रखकर राजमार्ग पर टोल प्लाजा पर सेना की तैनाती करने का आरोप लगाया थी।हालांकि रक्षा मंत्रालय ने इस आरोप से यह कहते हुए इनकार किया है कि यह एक वार्षिक अभ्यास है, जो पूरे देश में चल रहा है। यह अभ्यास आकस्मिक स्थिति में वाहनों पर कितना वजन लादा गया है, उनके आंकड़े सेना को उपलब्ध कराने के लिए है।
बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि नागरिक कार्यो का संचालन राज्य को सूचित किए बगैर सेना नहीं कर सकती। उन्होंने इसे राजनीतिक प्रतिशोध का परिणाम बताया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उन्होंने सवालल करते हुए पूछा कि,क्या देश के अंदर किसी तरह का युद्ध छेड़ने की योजना है? सड़कें हमारी हैं, हालांकि यह केंद्र के भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के तहत श्रेणीबद्ध है, लेकिन इसका प्रशासन राज्य की कानून-व्यवस्था से चलता है। जनता को परेशान किया जा रहा है और उनके वाहनों को पथकर संग्रह चौकियों पर रोका जा रहा है।