नई दिल्ली। लोक गायिकी का नाम हो और जिक्र मालिनी अवस्थी का ना आए तो मानो बात ही पूरी नहीं होती। इन दिनों जब राजनीति और देश की सियासत का माहौल गरम हो लेकिन वातावरण में ठिठुरन बनी हो और सूर्यदेवता दक्षिणायन से उत्तरायण की ओर आने वाले हों तो धरती पर सरसों की फूलों की चादर बिछी हो क्यारियों में रंग बिरंगे फूलों की आमद की सूचना हो ऐसे में कुछ लोकगीत अक्सर सुनने को मिल जाते हैं। ऐसी ही एक शाम दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित विश्व पुस्तक मेले में देखने को मिली जब, लोकगायिकी की ताल से सुर मिले मालिनी अवस्थी के तो माने शमा भी बंध गया।
जो लोग अपने रोजी रोजगार के लिए अपना देश गांव छोड़कर महानगरों की जिन्दगी या फिर विदेशी धरती पर पलायन कर चुके हैं। वो अपनी सभ्यता और संस्कृति को याद करने के लिए मालिनी अवस्थी जैसे कलाकारों का सहारा लेते हैं। लोकगायिकी के क्षेत्र में मालिनी अवस्थी ने कई आयाम जोड़े हैं। वह इकलौती भारतीय लोक गायिका है जो हिन्दी भाषा की बोलियों जैसे अवधी, बुंदेली भाषा और भोजपुरी में गाती है। उनकी वह ठुमरी और कजरी के चर्चे देश ही नहीं बल्कि विदेशों तक है।
भारत सरकार ने उसे नागरिक सम्मान पद्म श्री से 2016 में सम्मानित किया। मालिनी अवस्थी का जन्म 11 फरवरी 1967 को उत्तर प्रदेश के कनौज में हुआ था। वो लखनऊ की रहने वाली हैं। भातखंडे संगीत संस्थान लखनऊ से उन्होने शिक्षा प्राप्त की। उनके संगीत और गायिकी में हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत की झलक के साथ बनारसिया छाप दिखाई देती है। इसकी खास वजह है कि वह बनारस की शास्त्रीय संगीत की और ठुमरी की गायिका परम पूज्य स्व. गिरिजा देवी जी की शिष्या हैं। साल 2015 में मालिनी अवस्थी को यूनेस्को का सदस्य चुना गया ।
मालिनी अवस्थी एक प्रसिद्ध गायिका होने के साथ एक जीवंत इंसान भी हैं। इनको पालतू जानवरों का भी बड़ा शौक है, इनके साथ कुत्तों के साथ खूबसूरत बिल्लियां भी हैं। जिनके नाम कुल्फी और जामुन भी हैं। इनके पतिदेव अवनीश अवस्थी देश के प्रसिद्ध प्रशासनिक अधिकारी हैं। वर्तमान में प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश शासन हैं।
इनके दो बच्चे हैं एक बेटा और बेटी, बेटा आदित्य अवस्थी सुप्रीम कोर्ट में वकालत के पेशे में है तो बेटी अनन्या अवस्थी ने स्वास्थ्य विज्ञान में अपना स्नातक हार्वर्ड विश्वविद्यालय से किया और वर्तमान में अपने देश में सहायक निदेशक हार्वर्ड इंडिया रिसर्च में कार्यरत हैं। आपने गायिकी की विधा से अपनी आगे की पीढ़ी को भी जोड़े रखा है। देश विदेश के कई मंचों पर अनन्या अवस्थी ने भी आपनी गायिकी का जादू बिखेरा है।