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बीजेपी को मिला शिवसेना का तोड़? जानिए राज ठाकरे के बदले सुर के पीछे क्या है वजह

उद्धव ठाकरे

राजनीति में एक बेहद मशहूर कहावत है। इसमें ना कोई स्थाई दोस्त होता है और ना ही दुश्मन। महाराष्ट्र में इस कहावत का जीता जाता उदाहरण देखने को मिल रहा है। जहां बीते कुछ सालों से राजनीतिक सियासत में उठा पुथल का दौर जारी है। कुछ साल पहले जहां बीजेपी और शिवसेना की खूब जमती थी। आज वही दोनों दल एक दूसरे के जानी दुश्मन बन चुके हैं।

लेकिन एक बार फिर से राज ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना औरंगजेब रैली के बाद राजनीतिक गलियारों में कई सवाल उठने लगे हैं कि क्या आप बीजेपी आगामी वाईएमओ में नगर निगम चुनावों के लिए महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के साथ गठजोड़ करने के फिराक में तो नहीं है। यह संकेत दोनों पार्टियों के बीच बढ़ती नजदीकियों से साफ तौर पर जाहिर हो रहा है वही इस बात को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है कि आखिर वह कब गठबंधन करेंगे या फिर नहीं करेंगे।

 राज ठाकरे 1 मई को औरंगजेब में मस्जिदों में लाउडस्पीकर के इस्तेमाल के विरोध को लेकर एक रैली करने के लिए तैयार हैं और उन्होंने 3 मई से पहले राज्य भर में मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने के शिवसेना अध्यक्ष एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक अल्टीमेटम भी दिया है इसके अलावा अल्टीमेटम पुराना होने पर मनसे कार्यकर्ताओं ने सड़क पर उतरकर मस्जिदों के बाहर हनुमान चालीसा के पाठ करने की बात भी कही है।

वही मनसे प्रमुख की रैली का जिक्र करते हुए महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा है कि अंततः रहस्य खत्म हो गया है कि राज्य सरकार ने रैली के लिए राज ठाकरे को मंजूरी दे दी है। उन्होंने आगे कहा कि राज्य और राज्य के बाहर हर व्यक्ति उनकी इस रैली का बेसब्री से इंतजार कर रहा है। तो आइए प्रतीक्षा करें और देखें आखिर क्या होता है।

गौरतलब है कि बीते कुछ महीनों से बीजेपी नेता राज ठाकरे का जमकर समर्थन कर रहे हैं। वहीं महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि हाल ही में मनसे अध्यक्ष के साथ कई मुलाकातें हो चुकी है। लेकिन अभी तक दोनों दलों की ओर से गठबंधन को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की गई है। 

मनसे बीजेपी में होगा गठबंधन?

मनसे बीजेपी गठबंधन को लेकर बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुधीर मुनगंटीवार ने कहा है कि “राजनीति में सब कुछ संभव है” लेकिन फिलहाल मनसे बीजेपी के गठजोड़ का कोई प्रस्ताव नहीं है। मैं भविष्यवाणी नहीं कर सकता कि आखिर कल क्या होगा। ऐसे में बीजेपी की ओर से गठबंधन को लेकर वेट एंड वॉच का रुख अपनाया गया है।

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